रायगढ़-जोहार छत्तीसगढ़। खरसिया में किडनैप की घटना ने पूरे जिलेवासियों को दशहत में ला दिया । पुलिस की लिए यह बड़ी चुनोती थी। कम समय मे किडनैपर की मंशा को समझना बहुत ही दुष्कर कार्य था दोनो जाबांज अफसरों के दिशा निर्देश पर पुलिस महकमे ने इस मामले को सुलझाने के लिए टीम वर्क में काम किया यही वजह है 6 घण्टो के अंदर ही बच्चे को आरोपी के चंगुल से छुड़ा कर सकुशल माता पिता के पास पहुंचाया गया । आईजी रतन डांगी बिलासपुर मुख्यालय से खरसिया सड़क मार्ग से पहुँचे वही पुलिस अधीक्षक संतोष सिंह भी घटना स्थल पर मौजूद रहे और मामले से जुड़े सभी पहलुओं का बारीकी से अध्यन किया । अनुभवी टीआई के नेतृत्व में कुल सात टीम बनाई गई अमूमन पुलिस मोबाइल लोकेशन ट्रेस कर पीछा करती है लेकिन दोनों अफसरों ने मोबाइल लोकेशन के अलावा अलग टीम बनाई और उंन्हे अलग दिशाओं में रवाना किया गया क्योकि कई बार आरोपी अलग अलग मोबाइल का उपयोग करते है और जानबूझकर लोकेशन बदलते है ताकि पुलिस जांच को भ्रमित किया जा सके । किडनैप के बाद रसोइए ने अपने दोस्त से मोबाइल में चर्चा कर मोबाइल को बंद कर दिया लेकिन पुलिस ने दोस्त के मोबाइल को गूगल मैप से जोड़ते हुए उसका लोकेशन ट्रेस करते हुए समय से झारखंड पहुंच गई और आरोपियों को बच्चे को सकुशल बरामद किया । पुलिस की इस तत्परता से जिले के अग्रवाल समुदाय सहित पूरे जिले वासियो में हर्ष की लहर दौड़ गई । पुलिस की इस कार्य शैली से प्रभावित होकर शहर के प्रतिष्ठित यूथ आईकॉन सुनील लेन्ध्रा ने एक लाख रुपये देने की घोषणा कर पुलिस महकमे की हौसला अफजाई की। सुनील लेन्ध्रा के इस कदम को सामाजिक संस्थाओं ने प्रसंसनीय बताया। इस घटना से केवल अग्रवाल समाज ही नही बल्कि समाज के लोगों ने पुलिस की इस कामयाबी की प्रशंसा की है। पुलिस के प्रति लोगों में विश्वास बढ़ा है।