लैलूंगा-जोहार छत्तीसगढ़।
शराब बंदी अधिनियम लागू होने के बाद से ग्रामीण क्षेत्रों में विदेशी शराब अब बड़ी मुश्किल से मिल पाती है। लेकिन विदेशी शराब की भूख देसी महुआ शराब से मिट रही है। मौजूदा समय में लैलूंगा थानाक्षेत्र के आदिवासी व जंगली इलाके में अवैध रूप से महुआ शराब की भट्ठी खूब सुलग रही है.वहीं देसी भट्ठी से निर्मितअवैध महुआ शराब की बिक्री करने वाले की कमी भी इस आदिवासी क्षेत्र में नही है जो पुलिसिया कार्यवाही के दौरान बेनकाब होते है।पहला मामला है लैलूंगा थानाक्षेत्र के ग्राम बीरसिंघा का जहां पुलिस को पेट्रोलिंग के दौरान मुखबिर से सूचना मिली कि कटकलिया निवासी मंगलू कुजूर उम्र 50 वर्ष अवैध कच्ची महुआ की शराब बनाकर बेचता है।ऐसे में लैलूंगा पुलिस ने घेराबंदी करते हुए इस शराब कोचिये को पकड़ी और इसके पास से 4 लीटर देशी महुआ की शराब और 5 नग डिस्पोजल बरामद किया। वहीं आरोपी मंगलू कुजूर पर कानूनी कार्यवाही करते हुए 34,(1),(क) आबकारी एक्ट की कार्यवाही की गई इसी तरह ग्राम टेटकाआमा में पावल कुजूर के पास से हाथभट्टी की महुआ शराब 4 लीटर तथा टटकेला निवासी परशुराम सांवरा से 2 लीटर जप्त कर आबकारी नीति के तहत कार्यवाही की गई।इसके अलावा लैलूंगा से लगे ग्राम झरन में एक आदिवासी महिला को भी शराब का कारोबार करते पकड़ा है। बताया जाता है कि महिला पूर्व से पुलिस की निगरानी में चल रही थी जिसे लेकर 13 फरवरी को झरन निवासी बसंती भगत के यहां सुनियोजित तरीके से घेराबंदी करते हुए 3 लीटर कच्ची महुआ की शराब जप्त की है।महिला के ऊपर आबकारी एक्ट के तहत कार्यवाही की गई है।