धरमजयगढ़-जोहार छत्तीसगढ़।
लाल ईंट का कारोबार धड़ल्ले से जारी है हर गांव-गांव में लाल ईंट का करोबार नगर के कुछ लाल ईंट के कारोबारियों द्वारा कई कई लाख अवैध तरीके से लाल ईंट का कारोबार कर रहे हैं लेकिन इन लाल ईंट का धंधा करने वालों के उपर राजस्व विभाग सहित वन विभाग का कोई लगाम नहीं हैं जिसका नतीजा है कि नगर के आसपास एवं गांव में अनगिनत लाल ईंट का भटटा देखने को मिल रहा है। विकास खण्ड मुख्यालय से चंद किलोमीटर की दूरी आमगांव में शहर के एक लाल ईंट व्यापारी ने लाखों लाल ईंट बनवाया जा रहा है।
अवैध ईंट को पकाने के लिए अवैध कोयला का उपयोग
लाल ईंट को पकाने के लिए भी अवैध कोयला या लकड़ी का उपयोग किया जाता है और वन विभाग को मालूम होता है कि कौन कौन कहां कहां पर लाल ईंट पकाने के लिए अवैध तरीके से कोयला भंडारण कर रखे और कितनी मात्र में। अवैध ईंट संचलक के साथ वन विभाग के अधिकारी की मिली भगत होती है जिसके चलते इनके उपर कोई कार्यवाही नहीं करते हैं। अगर वन विभाग इन लाल ईंट व्यापारियों पर कार्यवाही करते तो नगर सहित आसपास में एक भी अवैध लाल ईंट की भटटा नजर नहीं आत। वन विभाग के इस लापरवाही के चलते विभाग को लाखों रूपए की राजस्व क्षति हर साल होता है।
पटवारी नहीं देते लाल ईंट की जानकारी
पटवारियों को अपने हल्का नंबर पर किनके-किनके द्वारा लाल ईंट का निर्माण किया जा रहा है इसकी रिपोर्ट बनाकर तहसील कार्यालय में देना का नियम है ताकि इन अवैध ईंट निर्माण करने वालों पर कार्यवाही हो सके। आज से चार-पांच साल पहले बीजापतरा में दो हाथी बिजली की चपेट में आने से मौत हो गई थी उस समय भी तहसीदार धरमजयगढ़ द्वारा पटवारी को निलंबित किया गया था कारण यह था कि जिस जगह हाथी की मौत हुई थी उसके आसपास लाखों में लाल ईंट का निर्माण हो रहा था और इसकी जानकारी पटवारी द्वारा अपने उच्च अधिकारी को न देकर लाल ईंट बनाने वालों का साथ देना पाया गया था। लेकिन उस समय भी वन विभाग अपने कर्मचारियों के उपर कोई कार्यवाही नहीं किये थे। हाथी की मौत जिस जगह पर हुआ था उस जगह पर अवैध कोयला का भंडर कर रखा गया था।