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ग्रामीण क्षेत्र के जनप्रतिनिधि एवं कर्मचारी हो रहे पत्रकारों से परेशान …

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धरमजयगढ़-जोहार छत्तीसगढ़।
हर काम का एक सीमा होता है, नौकरी करने वालों का भी एक सीमा होता है जैसे एक अधिकारी का एक निर्धारित अधिकार होता है उसी तरह पत्रकारिता का भी नियम सीमा निर्धारित है ऐसा नहीं है कि एक पत्रकार को पूरी दूनिया का पत्रकारिता करने का छूट दे दिया गया है। मैं ये नहीं कहता की हर पत्रकार ऐसा करते हैं। लेकिन समय के साथ-साथ पत्रकारिता को बदनाम करने का भी काम कर रहे हंै कुछ लोग? जिस रफ्तार से सोशल मीडिया में पत्रकारिता हो रहा है मानों पत्रकारों की बाढ़ सी आ गई हो। अब तो हर घर-घर से पत्रकार बनकर पत्रकारिता कर रहे हैं। पत्रकारिता करना अच्छी बात है लेकिन पत्रकार को देखकर ग्रामीण या फिर सरपंच-सचिव भाग जाये ये कैसी पत्रकारिता है। सोशल मीडिया में जब से पत्रकारिता चालू हुआ है तब से सबसे ज्यादा परेशानियां ग्रामीण क्षेत्र के सरपंच-सचिव हो या फिर छोटे-मोटे नौकरी करने वालों को हो रहे हंै। हर पत्रकार का एक निर्धारित क्षेत्र दिया जाता है ऐसा नहीं है कि श्यामपुर का पत्रकार रामपुर में आकर पत्रकारिता करें। श्यामपुर का पत्रकार को श्यामपुर में ही पत्रकारिता करना होता और उस क्षेत्र का खबर देखना होता है। लेकिन अब तो कहीं का पत्रकार कहीं भी पत्रकारिता करने चले आते हैं कई बार तो इस बात को लेकर पत्रकार और संबंधित विभाग के लोगों के साथ तू-तू मैं-मैं भी हो जाता है। मामला पुलिस थाने तक आ जाते हैं लेकिन पुलिस भी पत्रकार हैं बोलकर मामला को शांत करवा देते हैं लेकिन हकीकत तो ये है कि हर पत्रकार को अपने सीमा क्षेत्र में ही पत्रकारिता करना होता है। अगर पत्रकार अपने क्षेत्राधिकार में ही पत्रकारिता करेंगे तो पत्रकार पर ऊंगली उठाने वाला कोई नहीं होगा। धरमजयगढ़ क्षेत्र का हाल तो ये है कि पत्रकार को देखकर सरपंच सचिव गांव छोड़कर भागने को मजबूर हो रहे हैं ऐसा नहीं है कि हर सरपंच-सचिव गलत है लेकिन सरपंच-सचिव क्या करें कितने को मैंटेन करें। पत्रकार आते ही चमकाने धमकाने में लग जाते हैं और पत्रकार जब देखता है बात नहीं बन रहा है तो अपने … आकर बोलने लगते हैं कि इतने दूर से आया हूं तेल का खर्चा तो दे दीजिए अब आप सोचिए पत्रकारिता आज कहां पहुंच गया है। मेरे ये लेख उन पत्रकारों के लिए नहीं है जो ईमानदारी से पत्रकारिता करते हैं। आज भी ऐसे पत्रकार हंै जो पत्रकारिता में अपनी पूरी ईमानदारी से जिंदगी गुजार दे रहे हैं। आपको ऐसे कई पत्रकार मिल जायेंगे जो अपने गाड़ी कांच में बड़े-बड़े अक्षर में कागज में लिखा मिल जायेगा प्रेस। स्थानीय पुलिस को इस प्रकार के गाडिय़ों का जांच होना चाहिए और उनसे प्रेस में होने का अधिकार पत्र की मांग करना चाहिए ताकि ऐसे लिखा हुआ गाड़ी से अवैध काम न हो सकें।

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