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वीरान पड़े साप्ताहिक बाजारों को खोलने की मांग, पंचायतों को हो रहा नुकसान

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जोहार छत्तीसगढ़, गुरूचरण सिंह राजपूत। 

धरमजयगढ़। धरमजयगढ़ विकासखंड के कई ग्राम पंचायतो में सप्ताह के एक दिन साप्ताहिक बाजार लगता है, जो कोरोना संक्रमण के चलते पिछले कई महीने से बंद है। इससे क्षेत्र के ग्रामीणों को परेशानी हो रही है और ग्रामीण त्यौहार को लेकर बंद बाजार को पुनः खोलने मांग कर रहे है, लेकिन ग्राम पंचायत इसे लेकर सहमत तथा असहमत के असमंजस में फंसा हुआ है ।और विचार मंथन कर विभागीय अधिकारी से चर्चा की बात कर रहे हैं। धरमजयगढ़ ब्लाक के अनेकों ग्राम पंचायतो में वर्षों से प्रति सप्ताह के एक विशेष दिन साप्ताहिक बाजार लगता है। इसमें वनांचल क्षेत्र के सैकड़ों लोग अपनी दिनचर्या के सामानों की पूर्ति करते हैं। आसपास के व्यापारी और सब्जी विक्रेता अपने उत्पादों को बेच करके अपना जीवनयापन करते हैं। कोरोना वायरस को देखते हुए साप्ताहिक बाजार को बंद कर दिया गया है। ग्रामीणों ने बताया कि साप्ताहिक बाजार नहीं लगने से काफी परेशानी होती है । हांथी प्रभावित क्षेत्र होने के कारण ग्रामीणों को घने जंगलों का सफर तय करके अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति कर रहे हैं। जिससे आय दिन इन ग्रामीणों को जान का खतरा भी बना रहता है। वहीं छोटे सब्जी विक्रेताओं और मनिहारी सामान बेचने वालों को आर्थिक तंगी से जूझना पड़ रहा है । तो वनांचल क्षेत्र के लोगों को रोजमर्रा के सामानों को पूर्ति के लिए नगर के बाजारों पर निर्भर होना पड़ रहा है, जो काफी दूर पड़ता है । वहीं पंचायतों का कहना है कि साप्ताहिक बाजार लगाने के लिए अभी तक किसी प्रकार का आदेश जारी नही हुआ है। ऐसे में जहां साप्ताहिक बाजारों पर आश्रित रहने वाले व्यपारियो के दिन तंगी के दौर में चल रहा है वहीं छोटी मोटी जरुरतों की समान को लेकर ग्रामीणों को मुख्यालय तक अपनी जान को दांव में लगाकर राशन समान सहित अन्य वस्तुओं की पूर्ति करनी पड़ रही है।

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