धरमजयगढ़-जोहार छत्तीसगढ़।
धरमजयगढ़ क्षेत्र के कुछ जंगलों में सालों साल तक जुआडिय़ों द्वारा रूपये पैसा लगाकर जुआ का खेल खेला जा रहा है। लेकिन जैसे ही दीपावाली का त्योहार पास आने लगा जुआडिय़ों का खेल तेजी आने लगा। कुछ जगह का जुआ सेटिंग से भी चलने की खबर आ रही है। धरमजयगढ़ क्षेत्र में अधिकत्तर जुआ अड््डा आसपास के जंगलों में होता है और जुआडिय़ों द्वारा जुआ खेलते समय बाकायदा अपना मुखबिर भी रखते ताकि इन पर कोई कायज़्वाही न हो सके जैसे ही इनके मुखबिरों को शक होता है या फिर कोई दिख जाता है तो तत्काल मोबाईन के माध्यम से जुआडिय़ों को सावधान कर दिया जाता है। जुआ खेलने के लिए जुआडिय़ों ने पण्रीमौहा, उदउदा, बोर, कोयलार, ओंगना एवं सिसरिंगा के जंगल को मुख्य जुआ खेलने का अड्डा बना रखे हैं। उदउदा -बोरो जंगल में साल भर जुआ खेला जाता है इन जुआडिय़ों पर कायज़्वाही नहीं होने से इनके हौसला बुलंद है। कुछ लोगों का मुख्या काम ही साल भी जुआ खेलना होता है। जुआ खेलते समय ये लोग अपना मुखबिर को खबर देने के लिए लगा दिया जाता है सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार मुखबिरी करने वाले युवकों को ये लोग एक दिन का 1 हजार रूपये देते हैं ताकि जुआ खेलते समय इनपर किसी प्रकार की पुलिसियां कायज़्वाही न हो सके।