धरमजयगढ़-जोहार छत्तीसगढ़।
जनपद पंचायत धरमजयगढ़ के जमरगा ग्राम पंचायत में पूर्व सरपंच और पूर्व आवास मित्र मिलकर बिरहोर परिवार के प्रधानमंत्री आवास की राशि को पूरा का पूरा हड़प लिया। जिसकी शिकायत होने पर रायगढ़ कलेक्टर भीम सिंह ने तत्काल दोषियों के खिलाफ पुलिस में एफआईआर कराने सीईओ धरमजयगढ़ को आदेशित किया था। कलेक्टर द्वारा दिए गए आदेश का पालन करते हुए सीईओ धरमजयगढ़ ने 10 अक्टूबर को कापू पुलिस को पत्र भेजकर पूर्व सरपंच प्रताप सिंह राठिया एवं पूर्व आवास मित्र मंजीत साय चौहान के खिलाफ बिरहोर परिवार का प्रधानमंत्री आवास का राशि को हड़प लेने के कारण बिरहोर परिवार को शासन का महत्वकांक्षी योजना प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं मिल पाया। शासकीय राशि का गमन करने का आरोप पाये जाने से कापू पुलिस को दोनों आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेशित किया है। लेकिन इतने दिन हो जाने के बाद भी घोटाला बाज सरपंच प्रताप सिंह राठिया पर मामला दर्ज नहीं होना कई सवाल खड़ा कर रहा है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के करीबी है घोटाले बाज सरपंच प्रताप सिंह राठिया
जमरगा पंचायत के पूर्व सरपंच प्रताप सिंह राठिया अपने आपको भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय का करीबी होना बताते हैं कहीं इसीका नतीजा तो नहीं है कि लाखों का शासकीय राशि गमन करने के बाद भी घोटालेबाज सरपंच प्रताप सिंह राठिया पर कार्यवाही नहीं हो रहा है। क्योंकि कापू पुलिस को जनपद पंचायत अधिकारी द्वारा 10 अक्टूबर 2020 को पत्र लिखकर पूर्व सरपंच एवं पूर्व आवास मित्र के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने थाना प्रभारी को निर्देशित किया था। इस तरह से घोटालेबाजों पर कार्यवाही नहीं होने के कारण और भी घोटालेबाजों के हौसला बुलंद होता जा रहा है और इन घोटालेबाजों के कारण गरीब आदिवासी, बिहरोर एव पत्र लोगों को शासन के योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है। मजेदार बात है कि घोटाले बाज सरपंच के धर्मपत्नि ही वर्तमान में जमरगा पंचायत का सरपंच है तो आप खुद ही समझ सकते हैं कि पंचायत का क्या हाल हो रहा होगा।
जनपद पंचायत में चल रहा घोटालेबाज को बचाने का खेल
राष्ट्रपति के दत्तकपुत्र कहे जाने वाले बिरहोर परिवार के साथ धोखाधड़ी करने वाले लोगों को बचाने का खेल जनपद पंचायत धरमजयगढ़ में शुरू हो गया है। सरपंच को बचाने के लिए 4 नवंबर को जनपद पंचायत के अध्यक्ष उपाध्यक्ष और सीईओ और घोटाले बाज सरपंच प्रताप राठिया के बीच बड़ी लंबी चौड़ी बैठक हुआ। अब सवाल उठता है कि एक घोटाले बाज सरपंच के साथ अध्यक्ष के कक्ष में क्या बैठक हुआ होगा सोचने वाली बात है?
घोटाला साबित होने के बाद भी कार्यवाही में देरी क्यों?
जमरगा पंचायत के पूर्व सरपंच और पूर्व आवास मित्र द्वारा प्रधानमंत्री आवास की राशि को गमन करने का आरोप सिद्ध होने के बाद भी घोटालेबाजों पर कार्यवाही में देरी होना लोगों को समझ में नहीं आ रहा है कि कारण क्या है। देरी होने से ऐसा लग रहा है कि घोटाले बाज सरपंच सभी अधिकारी और जनप्रतिनिधियों को सेटिंग करने लिया होगा जिसके चलते इन लोगों पर कार्यवाही नहीं हो रहा है। अब देखना होगा कि घोटाले बाज सरपंच प्र्रताप सिंह राठिया और मंजित साय चौहान पर कार्यवाही होता है या फिर गरीबों को लूटने के लिए इनको छूट दे दिया जाता है।