धरमजयगढ़-जोहार छत्तीसगढ़।
जिले में कोरोना संक्रमण की संख्या को रोकने के लिए जिला कलेक्टर भीम सिंह ने साप्ताह में एक दिन यानि रविवार को सभी दुकान बंद करने का आदेश जारी किया गया है। और कलेक्टर के आदेश का धरमजयगढ़ क्षेत्र के सभी दुकानदार मान भी रहे है, सिर्फ ढाबा संचालक कलेक्टर के आदेश को ठेंगा दिखाते हुए ढाबा का संचालन किया जा रहा है। बात सिर्फ रविवार की ही नहीं है कलेक्टर के आदेश के अनुसार सभी दुकान शाम 7 बजे बंद हो जाना है। वहीं होटलों में पार्सल सुविधा रात 10 बजे तक का है लेकिन धरमजयगढ़ में ढाबा संचालकों द्वारा इस आदेश को न मानते हुए रात 12-1 बजे तक ढाबा का संचालन किया जा रहा है लेकिन इनको रोकने या टोकने वाला धरमजयगढ़ में कोई नहीं है। जबकि इसकी खबर सभी अधिकारी कर्मंचारियों को है। वहीं रविवार को धरमजयगढ़ के सभी दुकान बंद रहते हैं लेकिन ढाबा जरूर खुला रहता है। क्या ढाबा खोलने से कोरोना का खतरा नहीं है? धरमजयगढ़ वासियों का कहना है कि स्थानीय प्रशासन को ढाबा छोड़ बाकी सभी दुकान खुलने से कोरोना का खतरा है लेकिन ढाबा खोलने से नहीं। जबकि ढाबा में दूसरे राज्य के लोग रोज आ रहे हैं और ढाबा संचालकों को स्थानीय प्रशासन इतना छूट दे रखे हैं कि इनको न ता मास्क की जरूरत है और न ही किसी प्रकार कोरोना से बचाव का उपाय की जरूरत है ढाबा संचालकों को। धरमजयगढ़ वासियों ने स्थानीय प्रशासन से यह जानना चाह रहे हंै कि ढाबा संचालकों पर कलेक्टर के आदेश का पालन क्यों नहीं कराया जा रहा है। जिस तरह से ढाबा संचालकों द्वारा कलेक्टर के आदेश की धज्जियां उड़ाई जा रही है इससे तो ऐसा लगता है कि दाल में कुछ काला नहीं पूरी की पूरी दाल ही काला है।