रायपुर। मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा और मीडिया सलाहकार रुचिर गर्ग शुक्रवार दोपहर वरिष्ठ पत्रकार कमल शुक्ला से मिलने और उनका हालचाल जानने डीकेएस अस्पताल पहुंचे। उनकी यह मुलाकात पूरी तरह से व्यक्तिगत रही। वे केवल कमल शुक्ला का हालचाल जानने के लिए अस्पताल पहुंचे थे। कांकेर कांड के दोषियों पर कार्रवाई आदि को लेकर उन्होंने कोई आश्वाशन नहीं दिया। उन्होंने निजी तौर पर कमल शुक्ला को आमरण अनशन खत्म करने का आग्रह किया। हालांकि कमल शुक्ला का अनशन अब भी जारी है। उन्होंने कहा कि जब तक सरकार दोषियों पर कार्रवाई नहीं करती उनका अनशन जारी रहेगा। कमल जी की सेहत बहुत कमजोर होती जा रही है। सभी पत्रकार साथी भी उनसे अनशन तोड़ने का आग्रह कर रहे हैं। लेकिन उन्होंने कह दिया है कि जब तक कार्रवाई नहीं होगी, अनशन खत्म नहीं होगा। सभी पत्रकार साथी कमल शुक्ला जी के स्वास्थ्य को लेकर बेहद चिंतित हैं।
बता दें कि दिनांक 02 अक्टूबर को पत्रकारों का धरना प्रदर्शन हुआ था जिसमे प्रदेश भर से सैकड़ों की संख्या में पत्रकार साथी पहुँचे थे। मुख्यमंत्री से मुलाकात कर कमल शुक्ला सहित सैकड़ों पत्रकार साथी कांकेर काण्ड के आरोपियों के विरूद्ध 307 का मामला दर्ज करते हुए तत्काल गिरफ्तार किये जाने और पत्रकार सुरक्षा कानून लागू किये जाने संबधी चर्चा किया जाना था परंतु मुख्यमंत्री छ ग शासन ने पत्रकारों से मुलाकात करना उचित नहीं समझा। वहां पर उपस्थित शासन प्रशासन के अधिकारियों ने बेरिकेट्स लगा कर पत्रकारों को रोक लिया और कहा कि मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन को हमे दे दीजिये वहां तक पहुंचा दिया जायेगा। पत्रकारो ने अपनी जायज मांगों को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मिलने को लेकर अड़े रहे।लेकिन निराशा हाथ लगी और अंतत: ज्ञापन को आग के हवाले कर दिया गयाऔर आमरण अनशन करने का शंखनाद कर दिया। लगातार आठवें दिन अनशन जारी है। पत्रकार साथी कमल शुक्ला,सतीश यादव के साथ कांकेर मे हुई प्राणघातक हमला को लेकर पूरे प्रदेश के पत्रकार साथी आक्रोशित हैं। 11 अक्टूबर को प्रदेश की राजधानी रायपुर मे पूरे प्रदेश से भारी संख्या मे पत्रकार साथी धरना प्रदर्शन व रैली मे शामिल होने पहुँच रहे हैं। बस्तर संभाग से पत्रकार साथी बाईक से रैली के साथ रायपुर पहुँचेगे।