धरमजयगढ़-जोहार छत्तीसगढ़। रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ लोक निर्माण विभाग का हाल भगवान भरोसे हो गया है। जिसका नतीजा है कि धरमजयगढ़ के चारों ओर की सड़कों का हाल इतना खराब है कि ग्रामीण लोक निर्माण की पक्की सड़कों पर लकड़ी डालकर गाडिय़ां पार करवा रहे हैं। और सड़कों का हाल बेहाल होगा भी क्यों नहीं जब मुख्या अपने मुख्यालय छोड़कर जिला मुख्यालय में रहता हो। एसडीओ धरमजयगढ़ के अतंर्गत 3 ब्लॉक आते हैं, धरमजयगढ़, घरघोड़ा और लैलूंगा तीनों ही ब्लॉक के सड़ाकों का हाल इतना खराब है कि इनके सड़क पर पैदल भी चलना मुश्किल होता है। एसडीओ लोक निर्माण विभाग का मुख्यालय में नहीं रहने से इनके अधिनस्थ कर्मचारी बेलगाम हो गये हैं। ये लोग सड़क को देखने तक नहीं जाते हैं कि सड़क किस हालत में हैं लोग नल कनेक्शन के लिए मुख्य सड़क को काट देते हैं लेकिन सड़क काटने वालों को मनाकरने वाला कोई नहीं है। जिसका नतीजा है कि आज नगर के बीचों बीच की सड़क में तालाब नुमा गड्ढे हो गये हैं। ये तो रही शहर के अंदर की बात अब हम बात करते हैं धरमजयगढ़ से पत्थलगांव मार्ग की तो इस सड़क में इतने बड़े-बड़े गड्ढे हैं कि ट्रक भी आधा घूस जाता है छोटी गाडिय़ों का तो बात ही करना बेमानी होगी। अब तो सिसरिंगा के ग्रामीण इस सड़क को अपनी कमाई का जरिया बना लिये हैं ग्रामीण लोक निर्माण विभाग के सड़क पर बने तालाबनुमा गड्ढे को जंगल के पड़ों की बली देकर भरा जा रहा जिसके एवज में ग्रामीण प्रत्येक वाहनों से 10-20 रूपये वसूली कर रहे हैं। लेकिन लोक निर्माण के पास गड्ढे भरने के लिए स्थाई कर्मचारी भी हंै जिनका वेतन हजारों में है। लेकिन ये लोग कभी भी सड़क पर बन रहे गड्ढे को भरने या सड़क के किनारे का पानी सड़क में न आ जाये इसके लिए नाली बनाने नहीं जाते हैं। और जाए भी क्यों इनको बोलने वाला तो मुख्यालय में रहता ही नहीं है। मजेदार बात है कि धरमजयगढ़ में एक समय सड़क पर धान लगाने वाले बहुत सारे नेता मैदान में दिखाई पड़ते थे। लेकिन अब ये नेता कहां गुम हो गये जिनका पता नहीं चलता, लगता है कि अब इनके लिए सड़क पर गड्ढा है ही नहीं। वहीं धरमजयगढ़ में विपक्ष भी सिर्फ दिखावा के लिए ही विपक्ष की भूमिका निभा रहे है।