जोहार छत्तीसगढ़-धरमजयढ़।
प्रशासन एक ओर पर्यावरण संरक्षण की बात कर रही है। दूसरी ओर रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ नगर में लगातार बिना अनुमति के फ लदार पेड़ काटे जा रहे हैं। पर्यावरण संरक्षण और पेड़ बचाओ की बातों के बीच लोग बिना अनुमति के ही बेखौफ होकर पेड़ काट रहे हैं। वही काटे गए पेड़ की लकडिय़ां कहा जाती है इसके बारे में किसी को पता नहीं होता। कई बार तो इसके बारे में प्रशासन तक को खबर नहीं होती की लकडिय़ां कहा गई। इसके अलावा क्या कोई भी बिना अनुमति के पेड़ काट सकता है या इनके लिए छूट दे दी गई है। फ लदार पेड़ काटने वालों पर सम्बंधित विभाग कोई कार्यवाही क्यों नहीं करता ऐसे ही कई सवाल धरमजयगढ़ नगर के लोग इन दिनों वन विभाग से पूछते नजर आ रहे हैं। इस बार मामला धरमजयगढ़ नगर के बेहरापारा का है जहां एक जनपद पंचायत के बाबू शासकीय सेवक होने के बाद भी शासकीय भूमि पर बेजा कब्जा करके रहता है।
और अपने मकान की सुरक्षा के लिए बाउंड्रीवाल करवाने एक विशाल फ लदार आम के पेड़ की बलि चढ़ा रहा है। अभी कुछ दिनों पूर्व ही नगर में एक व्यवसायी को लाभ पहुंचाने की नियत से एसडीएम कार्यालय के सामने एक पेड़ की आहुति दे दी गई। थी जिससे धरमजयगढ़ वन विभाग की जमकर छीछालेदर हुई और अभी यह मामला ठंडा भी नहीं हो पाया था। कि नगर के बेहरापारा में एक पुराने आम के पेड़ को बलि चढ़ाने की शुरुआत हो चुकी हैं। जबकि हैरान करने वाली बात यह है कि सम्बंधित विभाग के कई कर्मचारियों का आवागमन भी इसी गली से होता है लेकिन ऐसे लोगों पर मेहरबान रहना इस विभाग की आदत सी हो गई है। ना तो बिना अनुमति के पेड़ काटने वालों पर मुकदमा दर्ज करती है और ना किसी प्रकार की कड़ी कार्यवाही। ऐसे में धरमजयगढ़ नगर के पेड़ों की लगातार आहुति से पेड़ों की संख्या तीव्र गति से कम हो रही है। जब इस संबंध में वन विभाग के अधिकारी से पूछने उन्होंने बताये की यह मामला राजस्व का है ऐसे मामलों में राजस्व विभाग को कार्यवाही करने चाहिए ताकि नगर में पेड़ों की कटाई पर पाबंधी लग सके।