धरमजयगढ़-जोहार छत्तीसगढ़।
गांव के विकास का बागडोर सरपंच-सचिव के हाथों है, लेकिन जब सरपंच-सचिव में ही तालमेल न हो तब उस ग्राम पंचायत का विकास नहीं बंटाधार होना ही है। ऐसा ही हाल धरमजयगढ़ जनपद पंचायत अंतर्गत आने वाला ग्राम पंचायत किरिया का है। किरिया में पदस्थ सचिव दादुसिंह ठाकुर और सरपंच मधुरानी लकड़ा में तालमेल नहीं बनना ग्राम पंचायत को विकास नहीं विनाश की ओर ले जा रहे हैं। सरपंच ने प्रेस को बताया कि सचिव दादुसिंह ठाकुर न तो पंचायत आते हैं। किसी काम के लिए बोलने से हमारा बात सुनता तक नहीं हैं। ऐसा लगता है कि हमे जनता ने नहीं सचिव दादु सिंह ठाकुर ने सरपंच बनाया है। सचिव दादु सिंह ऐसा है कि अगर काम के लिए फोन करने पर फोन तक रिसिव नहीं करते हैं। जिसके कारण ग्राम पंचायत का विकास कार्य पूरी तरह ठप्प पड़ गया है। सचिव दादु सिंह ठाकुर इतना लापरवाह है कि कोरोना काल में भी कभी कभार पंचायत आते थे। सचिव दादु ङ्क्षसह को जनपद पंचायत के अधिकारी कर्मचारियों का भरपूर साथ मिलता है जिसके कारण दादुसिंह जिस भी पंचायत में पदस्थ रहते हैं वहां के सरपंच परेशान हो जाते हैं और सरपंच द्वारा शिकायत करने पर सरपंच के शिकायत पर कोई कार्यवाही की बात तो दूर शिकायत पर जांच तक नहीं करवाते हैं। जिसके चलते सचिव दादु सिंह का हौसला बुलंद है और घोटला के ऊपर घोटाला करते जा रहे हैं। ये वही दादु सिंह है जो विजयनगर पंचायत में लाखों का भ्रष्टाचार करने का आरोप सरपंच द्वारा लिखित में किया गया था लेकिन सरपंच के शिकायत पर क्या कार्यवाही हुआ किसी को मालूम नहीं चला, लोगों को पता चला तो बस इतना कि दादु सिंह को विजयनगर पंचायत से बदल दिया गया। विजयनगर में पदस्थ रहने के दौरान सचिव दादु सिंह ने सरपंच के डिजिटल हस्ताक्षर का गलत इस्तेमाल करते हुए लगभग 9 लाख रूपये का हेराफेरी किया था। सचिव दादु सिंह ठाकुर का ये ही हाल अब किरिया पंचायत में चल रहा है। सचिव कभी कभार ही पंचायत झाकने भर के लिए जाते हैं और फिर कई दिनों के लिए गायब हो जाते है सचिव के मुख्यालय में नहीं रहने से परेशान ग्रामीणों ने सरपंच के साथ नव पदस्थ आईएएस अनुविभागीय अधिकारी राजस्व से शिकायत करने की बात कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि दादु सिंह का किनता भी शिकायत जनपद पंचायत अधिकारी के पास करने पर सीईओ कुछ नहीं करते हैं जिसके कारण सचिव जहां भी पदस्थ रहते हैं वहां अपना मनमानी करते है। किरिया पंचायत में कोरोना काल भी सचिव द्वारा खुलकर मनमानी किया गया है। ग्रामीणों को न तो सही तरिके से मास्क दिया है और न ही सेनेटाईजर लेकिन पंचायत से हजारों लाखों का बिल निकाल लिया है। ग्रामीणों ने बातये कि कोरोना काल में सचिव द्वारा प्रत्येक परिवार को एक मास्क दिया है और अगर कोई चिल्लाया तो उसको दो मास्क दिया है हाथ धोने के लिए न तो सेनेटाइजर दिया है और न ही साबून। ग्रामीणों का कहना है कि इसबार हम शिकायत जनपद सीईओ के पास नहीं सीधा आईएएस एसडीएम के पास करेंगे जिससे भ्रष्ट सचिव दादु सिंह ठाकुर कार्यवाही हो सके।