जोहर छत्तीसगढ़-धरमजयगढ़।
धरमजयगढ़ वन मंडल के धरमजयगढ़ रेंज हमेशा किसी न किसी घोटाला को लेकर सुर्खियां बटोरते रहते हैं। मुर्दों के नाम पर फर्जी हाजरी दिखाकर सरकारी खजाना को खाली करना, गलत तरीके से घटिया निर्माण कार्य करना ये सब धरमजयगढ़ वन मंडल में आम बात हो गया है। धरमजयगढ़ रेंज में लकड़ी तस्करी हो या फिर कोयला का अवैध उत्खनन पर किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं करना कई प्रश्न को जन्म दे रहा है। धरमजयगढ़ रेंज में एक नया मामला देखने को मिल रहा है जहां एक किसान ने अपने फसल की रखवाली करने के लिए लगभग 1000 साल के छोटे-छोटे पेड़ को काट डाला। लेकिन इतनी अधिक मात्र में कटाई होने के बाद भी इसकी खबर वन विभाग के अधिकारी कर्मचारियों को नहीं लगना अपने आप में कई सवाल उठने लगते हैं। यह अवैध कटाई का मामला वन मडंल कार्यालय से चंद किलोमीटर की दूरी पर धरमजयगढ़ बीट का है। सवाल उठता है कि जब एक किसान परिवार द्वारा लगभग 1000 साल के छोटे-छोटे पेड़ की बली दी जा रही थी। तब इस बीट का गार्ड कहा थे। क्योंकि इतने अधिक मात्रा में जंगल का कटाई होना एक दिन का बात नहीं है कई दिनों से जंगल में कटाई होता रहा होगा लेकिन बीट गार्ड एक दिन भी क्या अपने बीट में झांकने तक नहीं गये होंगे? या फिर कहा जाये कि ये सब वन विभाग के अधिकारी कर्मचारियों के मिलीभगत से हो रहा था। वैसे भी जंगल विभाग में जंगल राज ही चल रहा है कुछ दिन पहले नगर में एक आम के पेड़ को अवैध तरीके से कटाई का मामला सामने आया था। जिस पर धरमजयगढ़ वन मंडल अधिकारी ने एक टीम बनाकर जांच करने का आदेश दिया था लेकिन जांच भी भ्रष्टाचार का भेंट चढ़ गया। और अवैध कटाई करने वाले वन विभाग के अधिकारी कर्मचारियों को बचा लिया गया, जब इस तरीके से अवैध कटाई करने वालों को बचाने का खेल इस विभाग में चलता रहेगा तब तक इस तरीके से जंगलों का सफाया होता रहेगा। क्या वन मंडल कार्यालय से चंद दूरी पर हजारों की संख्या में अवैध कटाई का मामला वन विभाग के अधिकारी कर्मचारियों को मालूम नहीं चला होगा। यदि नहीं चला होगा तो फिर इस बीट का बीट गार्ड कभी अपने बीट में झांकने तक नहीं जाते होंगे। अगर इतने अधिक मात्रा में छोटो-छोटे साल का पेड़ की कटाई नहीं होती तो आने वाले कुछ सालों में यह जंगल घना जंगल में तबदील हो जाता। लेकिन वन विभाग के भ्रष्ट अधिकारी कर्मचारियों के चलते आज हजारों की संख्या में वन की कटाई कर दिया जा रहा है। अब देखना होगा की धरमजयगढ़ बीट में हुई हजारों की संख्या में साल पेड़ों की कटाई के मामले में वन मंडलाधिकारी क्या कार्यवाही करते हैं या फिर एक बार जांच टीम बनाकर मामले को ठंडे बस्ते में डाला दिया जाता है यह तो आने वाले समय में ही पता चलेगा।