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SECL प्रबंधन की लापरवाही कुरासिया माइंस में हुआ हादसा… कर्मचारी की गई जान …

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कोरिया :- चिरमिरी एसईसीएल सुरक्षा पखवाड़े के नाम पर हर वर्ष महज खानापूर्ति कर शासन के पैसों का कर रहा दुरुपयोग साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड चिरमिरी क्षेत्र जहां कोयले की नगरी और मिनी इंडिया के रूप में जाना जाता है वहीं पर एसईसीएल चिरमिरी कॉलरी प्रबंधन अपने अड़ियल और तानाशाह रवैया से जहां चिरमिरी क्षेत्र के रहवासियों की सुरक्षा और उनके स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है,
ऐसे में क्षेत्र के जनप्रतिनिधि महज दिखावे की राजनीति कर रहे हैं आपको बता दें कि कोल इंडिया का एसईसीएल प्रभाग जहां चिरमिरी क्षेत्र में कोयले की माइनिंग खुली खदान और बंद खदान के माध्यम से करता है ऐसे में सुरक्षा तंत्र या यूं कह सकते हैं सुरक्षा पखवाड़ा हर वर्ष तो लगता है जिसमें की कोयले की खदानों में होने वाली दुर्घटनाओं से बचने के लिए एक प्रकार से ट्रेनिंग दिया जाता है,
साथ में यह बताया जाता है कि दुर्घटना से बचने के लिए किन किन नियमों का पालन करना अनिवार्य होता है साथ ही सुरक्षा सामग्री के साथ सुरक्षा तंत्र को भी मजबूत बनाने के लिए चिरमिरी कॉलरी प्रबंधन लाखों रुपए हर वर्ष सुरक्षा पकवाड़ा के नाम पर पानी की तरह बहा देता है वही एसईसीएल परिक्षेत्र की बात किया जाए तो प्रत्येक वर्ष खदानों में होने वाली दुर्घटनाओं का यदि आंकड़ा लिया जाए तो सिर्फ और सिर्फ कॉलरी के सुरक्षा अधिकारी महज नाम मात्र के होते हैं,
अभी कुछ समय पूर्व ही चरचा कॉलरी ने ही बेल्ट ऑपरेटर की ड्यूटी के दौरान खदान में ही दुर्घटना होकर मजदूर की मृत्यु हो गई थी इसी प्रकार से बड़ी घटनाओं की अभी बात किया जाए तो साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड अंजन हिल माइंस चिरमिरी में ही ऐसे ही खदान के अंदर सुरक्षा तंत्र के कमजोर हो जाने के कारण लगभग दो दर्जन मजदूर और ऑफिसर्स की मौत हो गई थी वही कॉलरी के प्रबंधक मौत होने के बाद सिर्फ दिखावटी और खानापूर्ति करते हैं इनके लिए किसी कॉलरी कर्मचारी की जान की कोई कीमत नहीं है इसी प्रकार से साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड में अनेक यूनियन जो कि श्रमिकों के हित के संबंध में अपने आप को समर्पित होने का दावा तो करते हैं किंतु यूनियन सिर्फ कॉलरी प्रबंधन की इशारों कि एक कठपुतली बनकर रह गए हैं प्रबंधक के खिलाफ में यदि कोई कर्मचारी आवाज अपनी बुलंद करता है तो या तो उसका स्थानांतरण कर दिया जाता है या फिर जितना हो सकता है प्रबंधन उसका अहित करने पर ही अपना पूरा ध्यान लगाए रहता है इसी प्रकार अनेक उदाहरण साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड चिरमिरी कॉलरी प्रबंधन के कार्यों में देखा जाता है साथ ही आपको यह भी बता दें कि चिरमिरी कॉल री भी प्रबंधन के दिशा निर्देश में ऐसी कई खदानें हैं जिस से सटे कालोनियां और चिरमिरी के रहवासी निवास करते हैं जहां पर जब चट्टानों को तोड़ने के लिए बारूद से ब्लास्टिंग की जाती है ऐसे में कोयले और धूल की डस्ट पूरे आसमान पर और पूरे कानूनी और रहवासी क्षेत्रों में फैल जाती है जिससे कि लोगों को सांस लेने में दिक्कत का सामना करना पड़ता है,
इतना ही नहीं बारूदी विस्फोट से कार्बन मोनोऑक्साइड भी वायुमंडल में फैल जाते हैं जिससे मानव जीवन के साथ पालतू पशुओं और जानवरों पर भी इसका खतरनाक असर देखने को मिला है ऐसी कई जगह है जहां से जमीनों में मोटी मोटी दरारें पड़ गई हैं जिससे कि धुए के रूप में कार्बन मोनोऑक्साइड अनवरत निकल रहा है जिसके चपेट में कई जानवर भी मौत के आगोश में समा गए किंतु साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड चिरमिरी कॉलरी प्रबंधन की हठधर्मिता और तानाशाह रवैया ने जहां सिर्फ कोयले की उत्खनन के अलावा मानव जीवन को लेकर जरा सा भी संजीदा दिखाई नहीं देता है ऐसे में चिरमिरी कॉलरी प्रबंधन कॉलरी कर्मचारियों को महज एक रोबोट की भांति उपयोग में लाता है जबकि चिरमिरी कॉलरी प्रबंधन के इस अड़ियल रवैया को कई बार मीडिया ने प्रमुखता से उठाया है लेकिन कालरी प्रबंधन की तानाशाह रवैया इस कदर है कि इन पर कोई असर देखने को नहीं मिलता है कई बार जनता के द्वारा चुने गए जनप्रतिनिधि भी कॉल भी प्रबंधन के खिलाफ में अपनी आवाज को बुलंद तो किया लेकिन किसी परिणाम तक नहीं पहुंच पाए ऐसे में यदि चिरमिरी को स्वस्थ और अपनी जान की हिफाजत करनी है तो चिरमिरी कॉलरी प्रबंधन के खिलाफ में एकजुट होकर अपनी आवाज को उग्र आंदोलन बनाकर अपने और अपनों के जान माल और स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए लड़ाई लड़ने की जरूरत है,

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