लैलूंगा-जोहार छत्तीसगढ़।
राज्य सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओ में एक गरीब परिवार के अंतिम व्यक्ति तक राशन पहुचाने की योजना है जो वरदान माना गया है। लेकिन पंचायत का प्रतिनिधित्व कर रहे सरपंच-सचिव छुटभैये नेता के चंगुल में फंसे हो तो पंचायत की क्या स्थिति होती है इस दर्द का अहसास सिर्फ ग्रामीण ही समझ सकते हैं।इस बार भी मामला है उसी ग्राम पंचायत का जहां कभी महिला सरपंच के पति ने पंचायत की बागडोर संभाली थी लेकिन आज अपनी ही बहु जो वर्तमान में सरपंच है उससे इंसाफ की फरियाद लगाने पर मजबूर हैं। ग्राम पंचायत तोलगे में राशन की दुकान पंचायत के पास है लेकिन इस दुकान पर कब्जा किसी औऱ का है। गैरतरीक़े से चलाई जा रही पीडीएस दुकान में लेनदेन से लेकर कांटा मारने तक का काम सचिव नेे गांव के कुुुछ युवकों को दे दिया है। ग्रामीणों ने बताया कि पिछले महीनों में कई हितग्राहियों का राशन 3 से 5 किलोग्राम कम पाया गया जिसकी शिकायत भी की गई थी लेकिन मामले में क्या कार्यवाही हुई इसकी जानकारी अभी तक सामने नहीं आई है।
एक परिवार में एक मास्क देकर दिया कोरोना को न्यौता
ओड़िसा बॉर्डर की सीमा से लगे तोलमा, सोनाजोरी जैसे क्षेत्रों से कोरोना संक्रमित मरीज पाए गए हैं हालांकि यह मरीज प्रवासी तथा कॉरेन्टाइन सेंटर में पाए गए लेकिन इन्हीं सीमाओं में तोलगे भी आता है जिसे लेकर यह के सरपंंच-सचिव ने एक राशनकार्ड में एक मास्क देकर हितग्राहियों को अलविदा कह दिया जबकि एक परिवार में एक से अधिक कई सदस्य होते है। ऐसे में इस वैशविक महामारी को गम्भीरता से ना लेना औऱ केवल गरीब परिवार के लोगों के राशन पर डाका डालकर अपनी आजीविका चलाने की मानसिकता रखना क्षेत्र के लिए कोरोना को न्यौता देने जैसा है।