धरमजयगढ़-जोहार छत्तीसगढ़ । रायगढ़ जिले के आदिवासी विकास खण्ड धरमजयगढ़ में बेसूमार खनिज संपदाओं से भरा पड़ा है। धरमजयगढ़ क्षेत्र के ग्राम ससकोबा में खनिज माफियाओं कि बूरी नजर लग गई है। यहाँ के माण्ड नदी पर भारी मात्रा में उच्च गुणवत्ता वाली रेत का भरमार है। जिसे खनिज माफियाओं ने धरमजयगढ़ क्षेत्र के रैरुमा पुलिस चौकी के नाक नीचे तस्करों के द्वारा धड़ल्ले से रेत को जेसीबी मशीन की मदद से खुदाई कर निकाला जा रहा है। जिसे कृषि कार्य के लिए लिया गया ट्रैक्टर में अवैध तरीके से परिवहन कर मोटी रकम ले देकर रेत का कारोबार बदस्तूर जारी है। प्रतिदिन हो रही लाखों रूपये को रेत कि तस्करी से शासन-प्रशासन को लाखों रूपये कि राजस्व कि क्षति हो रही है। इतना ही नहीं प्राशासनिक कार्यवाही नही होने के कारण तस्करों के हौसले और बुलंद होते जा रही है। वहीं इस मामले में तस्करों कि यदि बात की जाए तो गैर कानूनी कार्य को पिछले कई दिनों से बेखौफ होकर माफिया नीति का बोल बाला चलाया जा रहा है। ग्रामीणों के द्वारा इसकी सूचना प्रशासन को दिए जाने पर वहाँ से आनन – फानन में परिवहन हो रहे वाहनों को मौके से भागा दिया जाता है। इस अवैध धंधे पर प्रतिबंध लगाया जाना जनहित में उचित होगा। अवैध कारोबार का आलम यह है, कि प्रशासनिक अधिकारियों को इस ओर ध्यान देना तो दूर अधिकारी इसे जरा भी इत्तेफाक नहीं रखते हैं। इसलिए रेत के तस्कर बेख़ौफ़ होकर तस्करी के इस खेल को खुलेआम अंजाम दे रहे हैं। शासन के अनुमति के बगैर माण्ड नदी की सीने को चीर कर खनिज संपत्ति को खुलेआम लूटा जा रहा है। आखिर इन रेत तस्करों पर प्रशासन अब तक क्यों मौन साधी हुई यह समझ से परे है। इन रेत माफियाओं के आगे प्रशासन भी घुटने टेकती हुई नज़र आ रही है।