लैलूंगा- जनपद पंचायत क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत झरन में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हेतु 20 लाख के लागत की ओपीडी कक्ष अवैधानिक तरीके से स्वीकृत कराने का मामला प्रकाश में आया है मिली जानकारी के अनुसार स्वीकृत ओपीडी कक्ष ग्राम पंचायत झरन क्षेत्र अंतर्गत कहीं भी नहीं बनाया जा रहा है बल्कि उक्त निर्माण कार्य नगर पंचायत क्षेत्र अंतर्गत लैलूंगा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बनाया जा रहा है परंतु यहां सवाल यह उठता है कि डीएमएफ फंड से स्वीकृत 20 लाख की लागत से निर्माणाधीन ओपीडी भवन को ग्राम पंचायत झरन का कार्य एजेंसी बताकर क्यों कराया जा रहा है? वहीं इस मामले का खुलासा होने के बाद ग्राम पंचायत झरन के ग्राम वासियों में खासा आक्रोश देखने को मिल रहा है तथा गांव के कुछ जागरूक नागरिक सोशल मीडिया के माध्यम से अवैधानिक तरीके से किए गए उक्त कार्य को लेकर अपना आक्रोश जता रहे हैं ।पूरे मामले की पड़ताल करने पर पता चला कि नगर पंचायत क्षेत्र में निर्माण कार्यों को लेकर निविदा आमंत्रित की जाती है जिसको लेकर ठेकेदारों में होड़ लगी होती है जबकि ग्राम पंचायत में कार्य एजेंसी स्वयं पंचायत होता है तथा ग्राम पंचायत में किसी प्रकार के निविदा का झंझट नहीं होता इस कारण पंचायत को निर्माण एजेंसी बताकर उक्त कार्य को स्वीकृत कराया गया। जानकारी हो कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लैलूंगा में विगत कई वर्षों से ओपीडी कक्ष की मांग की जा रही थी जिसको देखते हुए लैलूंगा विधायक चक्रधर सिंह ने उक्त कार्य की अनुशंसा की थी जिसके बाद इस कार्य की स्वीकृति से पूर्व ही विधायक के कुछ गुर्गों द्वारा ग्राम पंचायत झरन का फर्जी प्रस्ताव बनाकर उक्त कार्य को स्वीकृत कराया गया ताकि बिना ठेकेदारी पद्धति से निर्माण कार्य को इंजीनियर के बूते करा सके तथा इसका लाभ लिया जा सके ग्राम पंचायत इस पूरे मामले को लेकर अनभिज्ञता जता रहा है तथा ग्रामवासी उक्त पूरे कारनामे को लेकर काफी हैरान हैं। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में निर्माणाधीन ओपीडी कक्ष की देखरेख या यूं कहें ठेकेदारी जनपद पंचायत के इंजीनियर तंबोली द्वारा किया जा रहा है। इस संबंध में निर्माण कर रहे राजमिस्त्री संजय भगत ने बताया कि इंजीनियर द्वारा ही पूरे काम की देखरेख किया जा रहा है। वहीं इस पूरे मामले को लेकर ग्राम वासियों में काफी रोष व्याप्त है कि बिना ग्रामसभा तथा बिना किसी जानकारी के प्रस्ताव पारित किया गया तथा ग्राम पंचायत का नाम इस्तेमाल कर नगर पंचायत क्षेत्र में निर्माण कार्य से पंचायत का खुला मजाक उड़ाया जा रहा है जिसको लेकर अब गांव के जागरूक नागरिक जल्द हीं कलेक्टर से इसकी शिकायत करने की बात कह रहे हैं।