प्रमोद प्रधान, जोहार छत्तीसगढ़। लैलूंगा। इन दिनों जहाँ सारा देश लॉक डाउन में कोरोना वायरस के भय से सहमा हुआ है वही लैलूँगा विधानसभा में अपनी राजनैतिक ज़मीन बनाने के लिए रायगढ के कुमार देवेंद्र प्रताप सिंह भरकस प्रयास कर रहे है, लैलूँगा विधानसभा के बरलिया गांव जोकि रायगढ़ जनपद के उर्दना के समीप है, जहां वन विभाग द्वारा अवैध कब्जा करने वाले के ऊपर कार्यवाही करते हुए तत्काल खाली कराया गया,कहा जाता है कि उक्त कब्जा धारी देवेंद्र प्रताप सिंह का काफी करीबी है और आदतन ही सरकारी जंगलों में कब्जा करता आ रहा है उसमें पूर्व सरपंच द्वारा स्पष्ट रूप से कहा जा रहा है कि आदिवासियों को पूरा अधिकार है जिसके लिए उन्हें पहले भी पट्टा दिया गया है और अभी वर्तमान में भी दिया गया है,अभी उनका प्रधानमंत्री आवास भी पास है गाँव मे उनका बहुत बड़ा मकान है जो उनकी बुजुर्ग माता जी के नाम से है ,फिर फारेस्टभुमि पर अवैध कब्जा करने के पीछे की मंशा यह है कि वहाँ फारेस्ट द्वारा कोई कार्य प्रस्तावित है जो की जनहितैषी है उस ज़मीन को अभी हाल में ही कब्जा किया गया था लॉक डाउन के समय, मगर जैसे ही वन विभाग को इस बारे में पता चला उन्होंने उच्चाधिकारियों के आदेश से तुरंत ही अवैध कब्जा को हटवाया तो ,यहाँ यह बताना लाजमी होगा कि यह वनविभाग की प्रस्तावित ज़मीन के बीचों बीच कब्जा किया जा रहा था,इसमें यह तो तय है कि इस कब्जा को बहुत ही अनुभवी लोगो से मार्गदर्शन करके ही किया जा रहा था निश्चित ही इसके पीछे बड़े बड़े ज़मीन के कारोबारियों का हाथ होना लाजमी है और इस तरह के अवैधानिक कार्यो को करने के लिए मास्टरमाइंड ने एक आदिवासी का सहारा लेकर जमीन पर कब्जा करने की तैयारी की सुनियोजित साजिश है।इस तरह से जिला पँचायत सदस्य कुमार देवेंद्र प्रताप सिंह अपना राजनैतिक वजूद तो नही बना पाएंगे हा चंद अवैध कारोबारियों का साथ दे कर अपनी राजनैतिक लुटिया हमेशा हमेशा के लिए डूबा देंगे।