जोहार छत्तीसगढ़, संवाददाता संजय सारथी । धरमजयगढ़/बाकारुमा । कोरोना वायरस के संक्रमण से किये गए लॉक डाउन से बिलासपुर रायपुर की निजी कंपनियों में झारखंड-बिहार से काम करने आये लगभग 72 मजदूरों को कल रायगढ़ जिले के अंतिम छोर बाकारुमा में लॉक डाउन से चल रही चेकिंग के दौरान रोका गया व इनकी संख्या आज दोपहर तक बढ़कर 250 के पार पहुँच गई है। जिसमे बच्चे-बुजुर्ग महिलाएं-पुरुषो शामिल है इन सभी को कड़ी सुरक्षा में धरमजयगढ़ एस.डी.एम. नंद कुमार चौबे, सीईओ व नयाब तहसीलदार की उपस्थिति में बाकारुमा के हायर सेकंडरी स्कूल में डॉक्टरी परीक्षण के लिए रखा गया था व एस.डी.एम. द्वारा बताया गया कि आगे निर्देश आने तक सभी मजदूरों के खानपान व रहने की ऊचित व्यवस्था की गई है डॉक्टरी परीक्षण के बाद आज जोहार छत्तीसगढ़ की टीम व प्रशासनिक अधिकारी से विनति कर मजदूरों ने कहा कि उन्हें कोई बीमारी नही है उन्हें घर जाने दिया जाए व उन्होंने प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रशासन द्वारा बताई गई सुविधाओं में उन्हें किसी प्रकार की सहायता नही मिल रही है उन्हें कल से यहाँ रोका गया है आज दोपहर तक भी खाने की व्यवस्था नही की गई यहां पानी, बाथरूम तक की सुविधा नही है व सभी को एक ही जगह रखा गया है ऐसे में किसी भी कोरोना संक्रमित व्यक्ति से कोरोना के संक्रमण का खतरा और अधिक बढ़ता जा रहा है। इन सभी बातों से अवगत करने के लिए जोहार छत्तीसगढ़ संवाददाता संजय सारथी द्वारा एस.डी.एम. नंद कुमार चौबे को फोन किया गया उनके द्वारा फोन तक रिसीव नहीं किया गया। ऐसे में आदिवासी ग्रामीण क्षेत्र होने की वजह से यहाँ रोके गए मजदूरों के गांव में रहने से संक्रमण होने की आशंका बढ़ सकती है। ग्राम पंचायत बाकारुमा सरपंच हेत राम राठिया व ग्रामीणों ने मिलकर प्रशासन से अनुरोध किया है कि रोके गए सभी मजदूरों को दूसरी जगह भेजा जाए जहाँ उनके खाने, रहने व सोने की ऊचित व्यवस्था हो सके। जहाँ एक ओर पूरा देश कोरोना से लड़ रहा है वही दूसरी ओर धरमजयगढ़ के प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही देखकर सरकार के खोखले वायदों की झलक रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ विकासखंड के बाकारुमा में देखी जा सकती है।