कुडकेला-जोहार छत्तीसगढ़। तस्करों के हौसले इतने बुलंद की दिनदहाड़े रोड किनारे लगी सागौन के इमारती पेड़ों का चढ़ा रहे बली। छाल वन परिक्षेत्र यूं तो जब से हाथी का आमद उड़ीसा प्रांत से छत्तीसगढ़ में हुआ है और छत्तीसगढ़ के धर्मजयगढ़ वन मंडल में हाथियों का आवा जाहि बना है तब से लेकर छाल वन परिक्षेत्र सुर्ख़ियों में इन हाथियों को लेकर रहा है। चाहे वह फसल नुकसान का हो जनहानि या फिर हाथियों की मौत का कारण हो सभी में क्षेत्र में परचम लहरा चुका है। और वही इससे पहले छाल वन परीक्षेत्र अवैध जंगल कटाई में भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ा जी हां हम बात कर रहे हैं उसी छाल वन परिक्षेत्र का जहां बेशकीमती इमारती पेड़ों से घिरे वन परिक्षेत्र के जंगलों का अंधाधुंध कटाई जोरों पर चल रहा है। जिसके कारण रिजर्व फॉरेस्ट में लगे सागौन जैसे इमारती पेड़ों की कटाई विभाग के शह पर तस्कर जोरों पर कर रहे हैं। जहां क्षेत्र के जागरूक लोगों द्वारा बेस्किमती लकड़ी के कटाई के सम्बन्ध में अधिकारी कर्मचारी को लिखित मौखिक रूप से अवगत कराने के बावजूद भी इनके कानों में जू तक नहीं रेग रहा है और ये अपने अड़ियल रवैया से बाज आते नजर नहीं आ रहे हैं। जिसके परिणास्वरूप आज छाल वन परिक्षेत्र के आर एफ 511,512 जोकि सागौन जैसे इमारती लकड़ियों के घने जंगल में आज देखने को भी एक इमारती लकड़ी का पेड़ नहीं मिल सकता। इन पेड़ों की कटाई कर परिवहन हेतु बीच जंगल तक मार्ग का निर्माण भी विभाग के दिशा निर्देश पर बनाया गया है। छाल पुलिस कर रहा है वन विभाग के काम जी हां सुनने में यह कुछ अजीब लगेगा लेकिन छाल क्षेत्र का यही हाल है कि छाल पुलिस रात्रि गस्ति के दौरान आए दिन दर्जनों वाहनों को पकड़ कर छाल वन विभाग के अधिकरियों के सुपुर्द किया है। इसी से यह पता चलता है कि छाल वन परिक्षेत्र के अधिकारी कर्मचारी कितने सजग है अपने कार्य के प्रति।