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किशोरी के अकॉउंट ओपनिंग फार्म से नम्बर लेकर बैंक मैनेजर ने रात 12 बजे मांगी फ़ोटो और पूछा कैसी हो

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कविराज, जोहार छत्तीसगढ़। कोरिया। अगर आप अपनी बेटी या बहन का खाता बैंक में खुलवा रहे है तो सावधान हो जाइए। खाता खुलवाने के लिए भरने वाले फार्म में आप अपना नम्बर दीजिये। बेटी का नम्बर दिया तो रात को बैंक मैनेजर व्हाट्सएप पर बेटी की तस्वीरें मांगेगा। ऐसा ही एक मामला कोरिया जिले के सुदूर वनांचल क्षेत्र जनकपुर में सामने आया है। यहां के ग्रामीण बैंक मैनेजर ने खाता खुलवाने गयी किशोरी से खाता खुलवाने वाले फार्म से नम्बर लेकर रात 12 बजे किशोरी से उसकी तस्वीर की डिमांड कर डाली। इतना ही नही और मैसेज में पूछने भी लगा कैसी हो। किशोरी ने व्हाट्सएप पर बैंक मैनेजर के चैट्स का कोई जवाब नही दिया। और अगले दिन सुबह जब किशोरी ने इस बात की जानकारी अपनी माँ को दी तब मां ने ग्रामीण बैंक मैनेजर अमित कुमार को कॉल किया और उसके करतूत को लेकर खरी खोटी सुनाई तो वह गिड़गिड़ाने लगा। भूल हो गयी अब नही करूँगा। मानवता के नाते माफ कर दीजिए मैडम जैसी बातें कहने लगा। इसके बाद पीड़ित किशोरी की माँ ने भी बैंक मैनेजर को बैंक जाकर जमकर फटकार लगाई। पीड़ित किशोरी की माँ ने बैंक मैनेजर अमित कुमार की करतूत को ग्रामीण बैंक के रायपुर हेड ऑफिस के अधिकारियों को भी रूबरू कराया। और मैनेजर अमित कुमार द्वारा किये गए व्हाट्सएप मैसेज के स्क्रीनशॉट्स भी भेजे। जिस पर रायपुर हेड आफिस प्रबंधन द्वारा बैंक मैनेजर द्वारा किये गए कृत्य पर खेद व्यक्त करते हुए पूरे मामले में बैंक मैनेजर अमित कुमार के खिलाफ कार्यवाही करने की बात कही। अब देखना यह है कि बैैंक अपने कर्मी का बचाव करता है या उस पर कोई ठोस कार्यवाही करता है जिससे आगे ऐसी हिमाकत करने की कोई जुर्रत न उठाएं। बचाव में आया बैंक मकान मालिक
बैंक मैनेजर के इस घटिया करतूत की खबर जब पूरे गाँव मे फैली तो सभी ने ऐसे मामले की निंदा की और बैंक मैनेजर के खिलाफ अपनी भर्त्सना जाहिर की तो कुछ रसूखदार लोग जिनके भवन में यह बैंक संचालित हो रहा है वो बैंक मैनेजर के समर्थन में उतर आए। बैंक भवन के मकान मालिक बैंक मैनेजर के साथ पीड़ित किशोरी के घर पहुंच गए और हाथ पैर जोड़कर मामले का पटाक्षेप कराने में लग गए। पत्रकारो को भी खबर न छापने का दबाव तक बनाया गया। यहां सबसे हैरत वाली बात यह है कि गाँव के ऐसे सम्भ्रांत लोगो का एक ऐसे बैंक मैनेजर के समर्थन में आना कही न कही समाज मे सब कुछ ठीक नही चल रहा है जैसी बातों पर मुहर लगाता है।

वही बैंक मैनेजर से जब उनका पक्ष जाना गया तो उनका कहना था कि मैं बहक गया था। मानवता के नाते तो माफ करना बनता है। आगे से ऐसी गलती नही होगी। अमित कुमार बैंक मैनेजर

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