Home समाचार वकील तो वकील ही था, अपने भाई ने भी नहीं बख्शा भाई...

वकील तो वकील ही था, अपने भाई ने भी नहीं बख्शा भाई को… धोखाधड़ी से हताश होकर दे दी जान… जब पुलिस ने खोली फ़ाइल तो सबको जाना पड़ा जेल… अपराध से अंजाम तक … अपराध और अंजाम की दुर्दांत कहानी…

131
0

धरमजयगढ़/घरघोड़ा-जोहार छत्तीसगढ़। भाई और वकील ने मिलकर उसे इतना परेशान किया कि उसने खुद की ज़िंदगी खत्म करने का इरादा कर लिया। वकील और तारीख ने उसका जीना हराम कर दिया था। लेकिन पुलिस जांच में लगी थी, दो साल के बाद पुलिस ने सभी आरोपियों को अंततः पकड़ लिया और उन्हें जेल दाखिल कराया। हालांकि मृतक के घरवालों ने न्याय की उम्मीद लगभग छोड़ दी थी। लेकिन पुलिस ने निष्पक्ष जांच कर उसे तार्किक परिणति तृक पहुंच दिया।
थाना घरघोडा के मर्ग क्रमांक 61/17 धारा 174 जाफौ कि जांच पर पाया गया कि मृतक प्रेमशंकर पिता चिरंजीव प्रसाद महरा उम्र 50 वर्ष साकिन बरौद के तीन भाई कमलाकांत, सुरेश एवं तीर्थराज हैं । प्रेमशंकर 20-25 वर्षो से अपने स्वास्थ्यकर्ता पत्नि बच्चों के साथ ग्राम गिरारी थाना श्यांग जिला कोरबा में रहता था । इसका 4 एकड जमीन ग्राम बरौद में स्थित था जिसे मृतक के बाहर रहने का फायदा उठा कर भाई कमलाकांत ने भाई तीर्थराज के साथ मिली भगत कर मनोज बंसल निवासी रायगढ के पास 10 लाख रूपये में स्वयं प्रेमशंकर महरा बनकर बेच दिया और दोनों 5-5 लाख रूपये बांट लिये । जब प्रेमशंकर को इस फर्जीवाडे की जानकारी हुई तो वकील राकेश बेहरा से संपर्क किया । वकील राकेश बेहरा द्वारा पूरी जानकारी लेने के बाद दोनों भाई तीर्थराज एवं कमलाकांत के 2-2 एकड जमीन SECL बरौद के भूअर्जन में जाने पर मुआवजा राशि 13 लाख रूपये तीर्थराज को प्राप्त हुआ । तीर्थराज प्राप्त मुआवजा राशि में से रुपए अपने भाई प्रेम शंकर को देना चाहता था किंतु वकील राकेश बेहरा उसे बरगलाने लगा कि न्यायालय के जरिये रूपए वापस दिलाया जाएगा और उन रूपयों को प्रेमशंकर को न देकर स्वयं रख लिया और प्रेमशंकर महरा को केश चलेगा फायनल होने पर पैसा वापस मिलेगा बोला । दूसरा भाई कमलाकांत ने इकरारनामा मुताबिक 2 एकड जमीन का पैसा प्रेमशंकर को वापस ही नही किया । प्रेमशंकर अपने वकील राकेश बेहरा से पैसा मांगता था जो पैसा मिलने के 22-23 माह बाद 19 मई 1
7 को व्यवहार न्यायालय घरघोडा में कमलाकांत मनोज बंसल के खिलाफ वाद प्रस्तुत किया । 4-5 बार मृतक को पेशी में बुलाया गया लगातार पेशी गिरारी से आने पर भी पैसा नही मिलने से मृतक हताश होकर सोसाईड नोट लिखकर 16 सितंबर 2017 को फांसी लगाकर आत्महत्या कर लिया । जांच पर मृतक के सुसाइडल नोट का हस्तलिपि विशेषज्ञ से परीक्षण कराया गया परीक्षण रिपोर्ट प्राप्त होने पर मृतक के दोनों भाई तीर्थराज महरा एवं कमलाकांत महरा तथा वकील राकेश बेहरा के विरूद्ध धोखाधड़ी एवं आत्महत्या के लिए उत्प्रेरित करने का अपराध घटित करना पाए जाने से थाना घरघोड़ा में मर्ग जांच पर से दिनांक 14 फरवरी 2020 को अप.क्र. 23/2020 धारा 419, 420, 467, 468, 471, 12 बी, 306 भादंवि पंजीबद्ध कर आरोपी राकेश बेहरा पिता के.पी. बेहरा उम्र 45 साल निवासी नवापारा घरघोड़ा तथा तीर्थराज महरा पिता चिरंजीवदानी उम्र 33 वर्ष बरौद घरघोड़ा को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया है । एक अन्य आरोपी कमलकांत महरा फरार था, जिसकी पतासाजी के लिये टी.आई. घरघोड़ा निरीक्षक के.के. सिंह अपने हमराह के साथ बिलासपुर रवाना हुए थे जिसे हिरासत में लेकर थाना लाया गया पूछताछ गिरफ्तारी की कार्यवाही कर आज आरोपी कमलाकांत महरा उम्र 48 वर्ष को गिरफ्तार कर रिमांड पर भेजा गया है ।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here