खरसिया-जोहार छत्तीसगढ़ । कलेक्टर कार्यालय के सामने गुरूवार को उस वक्त नजारा अजीब हो गया जब एक युवक ने खरसिया एसडीएम पर रिश्वत लेकर उसकी फ ाईल दबा देने का आरोप लगाते हुये कलेक्ट्रेट के मुख्य द्वार के सामने अपनी चिता खुद बना दी और आत्मदाह की घोषणा कर दी। युवक का कहना था कि खरसिया एसड़ीएम गिरीश रामटेके उसे साल भर से परेशान कर रहे हंै, विपक्ष से रिश्वत लेकर एसड़ीएम ने युवक की फ ाईल को दबा दिया है, उसने बताया कि वह मुख्यमंत्री, राजस्व मंत्री सहित क्षेत्रीय विधायक और उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल से भी न्याय की गुहार लगा चुका है, लेकिन कोई सकारात्मक नतीजा न मिलने पर त्रस्त होकर उसे यह कदम उठाने को मजबूर होना पड़ रहा है। वैसे तो अधिकारियों-कर्मचारियों के मनमानी पन ओर अडिय़ल रवैये के अनेक मामले सामने आते रहते हैं, लेकिन अगर किसी अधिकारी की वजह से किसी व्यक्ति को आत्मदाह जैसा कदम उठाने के लिये मजबूर होना पड़े तो शासन-प्रशासन के लिये इससे शर्मनाक स्थित और कुछ़ नहीं हो सकती, ऐसा ही एक मामला जिला कलेक्टर के कार्यालय के सामने गुरूवार को देखा गया, जब खरसिया एसड़ीएम पर रिश्वतखोरी का आरोप लगाते हुए एक युवक ने अपनी चिता बनाकर आत्मदाह करने का प्रयास किया, पुलिस के हस्तक्षेप से युवक आत्मदाह तो नहीं कर पाया लेकिन युवक का यह प्रयास सरकारी महकमें की कार्यशैली पर सवालिया निशान खड़े करते हुये प्रशासन से यह प्रश्न जरूर पूछ रहा है कि जनता की सेवा करने के लये नौकरी करने वाले अधिकारियों को मोटी तनख्वाह मिलती है उसके बाद भी चंद रूपयों के लालच में किसी को इंसाफ न दिये जाने वाले ऐसे नौकरशाहों पर क्या कोई कार्यवाही होगी? और उस युवक को इंसाफ मिल सकेगा या नहीं?
यह है पूरा है मामला
आत्मदाह का प्रयास करने वावले युवक सतीश अग्रवाल ने बताया कि उसकी बहन और जीजा का खरसिया के जानकी धर्मशाला के पास आवास है, जिस पर विजय सराफ ने किराये के नाम से लिया था ओर उस पर कब्जा कर लिया है, न तो वह किराया दे रहा है और न ही मकान खाली कर रहा है, न्यायालय ने भी उसके पक्ष में फैसला दिया हुआ है, उसके बाद भी खरसिया एसडीएम गिरीश रामटेके के द्वारा विजय सराफ से रिश्वत लेकर सतीश अग्रवाल के प्रकरण में कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है, जिस संबंध में युवक मुख्यमंत्री, राजस्व मंत्री सहित क्षेत्रीय विधायक और उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल से भी न्याय की गुहार लगा चुका है, उसके बावजूद किसी प्रकार की कोई कर्यवाही न होने पर हताश होकर युवक द्वारा इस प्रकार का कदम उठाने को मजबूर होना पड़ा।