धरमजयगढ़-जोहार छत्तीसगढ़ । धरमजगयढ़ विकास खण्ड के पखनाकोट बालक छात्रावास में रह कर पढ़ाई करने वाला गोविन्दा कुर्रे का पिछले दिनों ईलाज के दौरान अस्पताल में मृत्यु हो गई थी। परिजनों ने आरोप लगाते हुए कापू थाना में आवेदन दिया था कि छात्रावास में गोविन्दा के साथ छात्रावास के कुछ छात्रों ने मारपीट किया था जिससे गोविन्दा का तबियत खराब हो जाने पर पत्थलगांव सिविल अस्पताल में ईलाज करवाने ले जाया गया था जहां उसकी मौत हो गई। छात्र का धरमजयगढ़ सिविल अस्पताल में पीएम करवाया गया सिविल अस्पातल के डॉक्टर को छात्र के शरीर में लगे चोंट के निशान नहीं दिखे और अननेचुरल मौत बताकर मामले को संदिग्ध बना दिया है। इसबारे में पत्रकार द्वारा डॉक्टर एसएस भगत से पूछने पर डॉक्टर भगत ने बताया कि मृतक के शरीर में चोंट का कोई निशान नहीं दिखा मौत सामन्य नहीं है हमारे द्वारा रिपोर्ट पुलिस को दे दिया गया है अब पुलिस का मामला है पुलिस जांचकर पता करें कि मौत किस कारण हुआ है। यह मामला अब हाई प्रोफाईल मामला हो गया है। 8 फरवरी को मानव अधिकार की एक टीम कापू पहुंचकर परिजनों से मिलकर मामले की पूरी जानकारी ली। अगर जांच कर दोषियों के खिलाफ उचित कार्यवाही नहीं किया जाता है तो सतनामी समाज ने आंदोलन करने की बात कर रहे हैं।
पुलिस अधीक्षक से मिलकर करेंगे दोबारा पीएम करने की मांग
सतनामी समाज के एक प्रतिनिधि मंडल एवं मृतक के परिजन रायगढ़ पुलिस अधीक्षक से मिलकर दुबारा पीएम कराने की मांग करने की बात कर रहे हैं। परिजनों ने आरोप लगा रहे हैं कि सिवलि अस्पताल के जिस डॉक्टर द्वारा पीएम किया है उनके द्वारा पूर्व में भी इसी तरह विवादित पीएम रिपोर्ट दिया जा चूका है। मृतक गोविन्दा के पूरे शरीर में मार का निशान होने के बाद भी पीएम करने वाले डॉक्टर को चोंट का निशान नहीं दिखाई दिया है जबकि छात्र के साथ इतना अधिक मारपीट हुआ था कि मार से पूरा शरीर नीला पड़ गया था।
छात्रावास अधीक्षक को किया गया निलंबित
पूर्व में भी समाचार पत्रों में पखनाकोट छात्रावास की अव्यवस्था एवं अधीक्षक छात्रावास में नहीं रहने की खबर को प्रमुखता से प्रकाशित कर प्रशासन को जानकारी दिया जा चूका था कि छात्रावास में कभी भी अनहोनी घटना घट सकता है लेकिन शिक्षा विभाग इस ओर केई कदम नहीं उठाया जिसके कारण आज छात्रावास में इस तरह की घटना घटा है। अब जब छात्रावास के एक छात्र की मौत होने के बाद अधीक्षक को निलंबित किया गया है। * जब इस संबंंध में सीईओ कु. धनेश्वरी सिदार से बात कि तो उन्होंने बताया कि यह मामला विभागीय है इसकी जानकारी देना उचित नहीं होगा। इतना जरूर बोली की अधीक्षक को निलंबित कर दिया गया है, निलंबित किस कारण किया नहीं बताये।