कोरबा। ननकीराम कंवर ने प्रशांत मिश्रा के खनिज न्यास संस्थान के शासी परिषद में स्थाई नियुक्ति को लेकर सवाल खड़े किए हैं उन्होंने कहा है कि जनप्रतिनिधि को ही खनिज न्यास संस्थान के शासी परिषद में शामिल किया जाता है पर प्रशांत मिश्रा जनप्रतिनिधि नहीं है फिर भी उनको स्थाई सदस्यता दी गई है जो राज्य पत्र की अवहेलना है, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिखते हुए ननकीराम कंवर ने कहा है कि 22 दिसंबर 2015 को जिला खनिज न्यास नियम 2015 के नाम से जारी अधिसूचना के अंतर्गत अध्याय 3 के कणिका नियम 10 के शासी परिषद के गठन का स्पष्ट उल्लेख है जिसके अनुसार व्यवस्थापक द्वारा नामांकित तीन स्थाई सदस्यों की नियुक्त किया जाना चाहिए जिसका वर्तमान में जनप्रतिनिधि होना आवश्यक है इसके विपरीत व्यवस्थापक द्वारा जिला खनिज न्यास संस्थान कोरबा के शासी परिषद में प्रशांत मिश्रा की नियुक्ति स्थाई सदस्य के पद पर की गई है क्योंकि प्रशांत मिश्रा वर्तमान में जनप्रतिनिधि नहीं है इसलिए शासी परिषद में उनकी नियुक्ति में छत्तीसगढ़ राज्य पत्र की अवहेलना की गई है श्री कंवर ने आशंका जताई है कि प्रशांत मिश्रा की नियुक्ति निजी स्वार्थ सिद्धि के लिए की गई है इसलिए इनकी नियुक्ति आदेश तत्काल निरस्त करने के लिए निर्देशित किया जाए । आपको बता दें कि जिले में खनिज न्यास मद का फंड छह-सात अरब का रहता है जिसको मनमाने तरीके से खर्च किया जाता है जिस पर अधिकारियों से लेकर पक्ष विपक्ष के नेताओं की नजर इस फंड पर रहती है यही कारण है कि खनिज न्यास फंड में कभी गड़बड़ी व बंदरबांट की शिकायतें आती हैं तो कभी इस प्रकार की । परंतु सबसे ज्यादा कोरबा जिले में खनिज न्यास फंड होने के बावजूद भी कोरबा जिले की सड़कों की हालत व उन सड़कों से उड़ती धूल व सड़कों में बने गड्ढों से जाती लोगों की जान इस फंड के खर्च पर तो सवाल खड़े करते ही हैं ।