धरमजयगढ़.-जोहार छत्तीसगढ़। धरमजयगढ़ तहसील में पटवारी और जमीन दलालों के सांठ-गांठ से शासकीय भूमि की जोरदार खरीद बिक्री चल रहा है। मजेदार बात है कि ये जमीन दलाल आम लोगों को तो ठगते ही है साथ ही साथ ये कानून के जानकार मजिस्टे्रट को भी नहीं छोड़ते हैं। ये लोग उनको भी शासकीय भूमि को निजी भूमि बताकर ऊंचे दाम पर बेच देते हैं। और इस फर्जी जमीन बिक्री करने वालों दलालों का साथ हल्का पटवारी खूब देते हैं बताया जाता है कि हल्का पटवारी जमीन की बिक्रीनामा बनाने का लाखों-लाखों रूपये लेते हैं और शासकीय भूमि की रजिस्ट्री के बाद नामांतरण भी पटवारी कर देते हैं इस काम के लिए धरमजयगढ़ के कई पटवारी माहिर है। फर्जी जमीन खरीद बिक्री के मामले में तहसीलदार, पटवारी सहित कई जमीन दलाल जेल तक की हवा खा चूके हैं लेकिन इसके बाद भी धरमजयगढ़ तहसील में शासकीय भूमि की अवैध बिक्री धड़ल्ले से जारी है। शासकीय भूमि की बिक्री की शिकायत करने पर अधिकारी दलालों से सांठ-गांठ कर मामले को दबा देते हैं या फिर दलालों के पक्ष में कर देते हैं जिसके चलते इन जमीन दलालों के हौसले बुलंद हो गये हैं। पटवारियों के निवास में हमेशा जमीन दलालों का जमावाड़ा लगा रहता है। जमीन दलालों के साथ सबसे अधिक मिली भगत बालमुकूंद सारथी, प्रमोद राठिया होते दिखाई दे रहा है। धरमजयगढ़ तहसील में एक ऐसा पटवारी भी है जिनका हमेशा जमीन खरीद बिक्री के लिए विवाद रहा है ये कई ऐसे ऐसे घटना कर चूंके हंै कि इनके ऊपर कड़ी कार्यवाही करने की अनुसंशा भी कर चंूूके हैं। राजस्व विभाग को चाहिए कि शासकीय भूमि की बिक्रीनामा बनाने वाले पटवारियों के ऊपर कड़ी कार्यवाही करें ताकि शासकीय भूमि की खरीद ब्रिकी पर रोक लग सकें।