प्रीतम जायसवाल-कोरबा । भारत में हर साल 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जाता है महिला एवं बाल विकास मंत्रालय दिल्ली ने 2008 में इसकी शुरुआत की थी इस दिवस को मनाने के पीछे उद्देश्य था कि हमारे देश में लड़कियों पर हो रहे अत्याचार भ्रूण हत्या और लड़की होने के भेदभाव को कम करना और उन्हें समाज में समानता का अधिकार देना ताकि वह समाज में लोगों के बीच अपने आप को कमजोर और असहाय न समझकर लड़के और पुरुषों के साथ कंधा से कंधा मिलाकर चल सके और अपने आप को मजबूत और शक्तिशाली महसूस करें, इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ सरकार भी लड़कियों को सशक्त बनाते हुए उन्हें आगे बढ़ाने के लिए प्रयासरत है जिसमें खासकर पिछड़ेपन का दंश झेल रहे आदिवासी वर्ग को छत्तीसगढ़ सरकार ने मुख्यधारा से जोड़ने और उनके जीवन स्तर को ऊंचा उठाने के लिए सरकार द्वारा कई प्रकार की योजना चलाई जा रही हैं आदिवासियों के प्रति संवेदनशील छत्तीसगढ़ सरकार ने आदिवासी बच्चों के हित में प्रदेश के कई जिलों में एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय खुलवाए हैं जिसमें आदिवासी बच्चों को हॉस्टल में रहकर शिक्षा के साथ-साथ उनके व्यक्तित्व के विकास के साथ-साथ खेलकूद के क्षेत्र में भी आगे बढ़ने के लिए सुविधाएं दी जा रही हैं कोरबा जिले के छूरी स्थित एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय की दो होनहार छात्राओं कुमारी ज्योति कंवर पिता त्रिपाल सिंह कंवर कक्षा ग्यारहवीं और कुमारी अर्चना टोप्पो पिता प्रेमसाय टोप्पो कक्षा ग्यारहवीं की छात्रा ने आवासीय विद्यालय में रहकर राष्ट्रीय स्तर पर गोल्ड और सिल्वर मेडल प्राप्त किया है दोनों ही लड़कियां अंडर सेवेंटीन और अंडर नाइनटीन टेनिस क्रिकेट की खिलाड़ी हैं ग्रामीण परिवेश कि होते हुए भी दोनों लड़कियों ने एक क्लब आवासीय विद्यालय के प्राचार्य गणेश राम राजपूत और खेल प्रशिक्षक विवेकानंद गोपाल सहित विद्यालय परिवार के सहयोग और प्रयास से मात्र 1 साल के खेल प्रशिक्षण में दोनों ने राष्ट्रीय स्तर पर गोल्ड और सिल्वर मेडल प्राप्त कर जिले सहित प्रदेश का मान बढ़ाया है और आवासीय विद्यालयों में रहने वाले अन्य आदिवासी छात्र छात्राओं के लिए प्रेरणा के स्रोत बन गई हैं जिन्हें देखकर कई छात्र-छात्राएं खेलकूद में रुचि लेते हुए राज्य स्तरीय उपलब्धियां प्राप्त कर चुके हैं ।