जितेन्द्र गुप्ता, जोहार छत्तीसगढ़-पत्थलगांव। क्षेत्र का सबसे बड़ा हॉस्पिटल इन दिनों अपनी कार्य शैली के लिए जाना जाने लगा है। पत्थलगांव के सिविल अस्पताल में शासन के खुलने का नियम सुबह 8 बजे से 2 बजे तक है। अस्पताल खोलने के टाइम में यहां डॉक्टरों व कर्मचारियों द्वारा सुबह 10 बजे तक किसी प्रकार की उपस्थिति दिखाई नहीं देती है। केवल रजिस्टर पर दस्तखत कर घर चले जाने व घूमने का फैशन आम हो चला है। यहां सैंया भये कोतवाल तो डर काहे का वाली तर्ज पर पूरा हॉस्पिटल चल रहा है। यहां हमेशा ही डॉक्टरों का टोटा बना हुआ है। बावजूद शासन द्वारा जितने चिकित्सकों की यहां नियुक्ति की गई है। वे डॉक्टर भी अपने ड्यूटी को छोड़ शहर में अपने निजी कार्यों में लगे रहते हैं। वही दूरदराज से आए ग्रामीण डॉक्टरों को खोजते फिरते रहते हैं। जहां डॉक्टरों के रूम में डॉक्टरों द्वारा अपना झोला रखकर अपने निजी कार्य में अस्पताल से बाहर इधर उधर घूमते रहते हैं। गंभीर बीमारी से भटकते हुए जब एक पीडि़त मरीज को देखा तो उन्होंने हमें अस्पताल के उन कमरों तक ले जाकर बताया कि हम यहां काफ ी देर से डॉक्टर का इंतजार करते देखे गए जबकि वही बाकी डॉक्टर सुथार, डॉक्टर मिंज, और डॉक्टर शकुंतला के केबिन में मरीजों की काफी भीड़ देखी गई जबकि डॉक्टर प्रफुल लकड़ा व डॉक्टर आकाश कुजूर के रूम का जब हमने मुआयना किया तो हमारी आंखें फ टी की फ टी रह गई। क्योंकि दोनों डॉक्टर अपने केबिन में मौजूद नहीं थे इस संबंध में जब पत्थलगांव बीएमओ से हमारे संवाददाता ने मौके पर पहुंचकर बात की तो उन्होंने टालमटोल करते हुए खुद ही डॉक्टरों को फोन कर जानकारी लिया तो ड्यूटी से नदारत डॉक्टर प्रफुल्ल लकड़ा व आकाश कूजुर द्बारा बाहर काम से जाने की बात कही। पत्थलगांव अस्पताल में ड्यूटी से नदारत रहने के शिकायत पे जशपुर सीएमओ शिवपाल सिंह पैकरा से बात करने पर उन्होंने कहा कि पत्थलगांव बीएमओ द्वारा ड्यूटी में नदारत डाक्टरों को तत्काल ही सो काज नोटिस जारी करनी चाहिए क्योंकि ड्यूटी टाइम पर डॉक्टरों को अस्पताल परिसर से बाहर जाना गलत बात है। उन्हें अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए अस्पताल में बीएमओ को समय-समय मे निरीक्षण करते रहना चाहिए की डयूटी टाईम पर सभी अधिकारी-कमचारी मौजूद है कि नहीं शासन के नियमों को नहीं मानने वाले के ऊपर कड़ी कार्यवाही की जाएगी।