जोहार छत्तीसगढ़-धरमजयगढ़ ।
घटिया निर्माण की जांच नहीं होने के कारण सरपंच-सचिव के हौसले बुुलंद हो गये हैं धरमजयगढ़ विकास खण्ड में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वच्छ भारत मिशन योजना को इस कदर भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा दिया गया है कि ग्रामीणों को मिलने वाला शौचालय, सरपंच-सचिव द्वारा अपना कमाई का जरिया बना लिया है। सबसे मजेदार बात है कि घटिया निर्माण की न तो जांच होती है और न ही कोई कार्यवाही। घटिया शौचालय निर्माण की समाचार हमेशा समाचार पत्रों की सुर्खिया रहते हैं लेकिन अधिकारी एक बार इस घटिया निर्माण की जांच नहीं करते हैं। विकासखण्ड मुख्यालय से 14 किलोमीटर दूर मुख्य सड़क किनारे बसा ग्राम पंचायत खडग़ाव का हाल तो इतना बूरा है कि यहां के अधिकत्तर ग्रामीण खुले में शौच करते हैं लेकिल शासकीय रिकार्ड में यह ग्राम पंचायत खुले में शौच मुक्त ग्राम पंचायत है। सरपंच और सचिव दोनों ने मिलकर खुलकर शौचालय निर्माण में भ्रष्टाचार किया गया है ग्रामीणों के घर में बने शौचायल इतना घटिया है कि इसका दरवाजा छूते ही बाहर निकल कर आ जाते हैं। शौचायल में गड्ढा तक नहीं खोदा गया है। पंचायत में जितना परिवार निवास करते हैं उतना शौचालय सचिव द्वारा निर्माण नहीं किया है उसके बाद भी 100 प्रतिशत शौचालय निर्माण होना बता कर शासकीय राशि का बंदरबांट कर लिया गया। ग्रामीणों ने सचिव के मुख्यालय में नहीं रहने के कारण ग्रामीणों को परेशानी होने की बात हमारे टीम को बातया हैं ग्रामीणों का कहना है कि सरपंच-सचिव ने ग्राम पंचायत के सभी निर्माण कार्य ठेके में दे दिया जाता है और ठेकेदार द्वार घटिया निर्माण कर चले जाते हैं निर्माण कार्य को न तो सरपंच देखने आते हैं और न तो सचिव। सचिव धरमजयगढ़ से आना जाना करते हैं जिसके चलते ग्रामीणों को पंचायत के काम के लिए भारी परेशानी हो रहे हैं। शासन द्वारा मनरेगा का कार्य को मजदूरों द्वारा करवाने का नियाम होने के बाद भी सरपंच-सचिव द्वारा खुलकर मशीन का उपयोग किया गया। जबकि इसकी खबर मनरेगा के पीओ व जनपद पंचायत के अधिकारी-कर्मचारियों को पूरी तरह है लेकिन बात वहीं पर आकर रूक जाती है, कमीशन ।
घटिया निर्माण की जांच करेगा कौन?
स्वच्छ भारत मिशन योजना के तहत बनाये गये घटिया शौचालय की जांच करेगा कौन सबसे बड़ा सवाल है यहां तो सभी का कमीशन सेट है। अगर कमीशन सेट नहीं होता तो मजाल है कि सरपंच-सचिव इतना घटिया निर्माण कार्य पंचायत में करवाते। घटिया निर्माण का मुख्या कारण है कमीशन खोरी इसी का नतीजा है कि पंचायतों के निर्माण कार्य की जांच नहीं होता है शिकायत के बाद भी।