विश्वजीत विश्वास- जोहार छत्तीसगढ़-धरमजयगढ़। 27 अक्टूबर 2019 को चाल्हा से एक महिला को गंभीर अवस्था में सिविल अस्पताल 112 के मदद से ईलाज के लिए लाया गया था। महिला की हालत इतना गंभीर था। कि डॉक्टर ने मरीज को जिला अस्पताल रिफर किया था। लेकिन जिस एम्बुलेंस से मरीज को जिला अस्पताल ले जाना था उस एम्बुलेंस में पेट्रोल नहीं था जिसके चलते मरीज को घंटों इंतजार करना पड़ा। एम्बुलेंस गाड़ी का चालक पेट्रोल के लिए इधर-उधर घूमता रहा लेकिन जब तक पेट्रोल के लिए रूपये मिला तब तक काफी समय लग गया और जैसे ही मरीज को लेकर रायगढ़ जाने लगा तो मरीज ने धरमजयगढ़ से मात्र 3 किलोमीटर दूर ही जा सके और उसकी मौत हो गई। सूत्र से मिली जानकारी अनुसार मामला चाल्हा की एक महिला को कुत्ता काटा था। कुत्ता के काटने से महिला को रेबीज पूरे शरीर में फैल जाने से महिला पागल की तरह चिल्ला रही थी परिवार वालों ने महिला को 112 की मदद से ईलाज के लिए सिविल अस्पताल लाया था। लेकिन सिविल अस्पताल प्रभारी एसएस भगत की लापरवाही से महिला बिन ईलाज के ही मौत के मुंह समा गये। सिविल अस्पताल के एम्बुलेंस चालक ने बताये कि महिला को 27 अक्टूबर को केजीएस अस्पताल रायगढ़ रिफर किया गया था। और मुझे महिला मरीज को रायगढ़ एम्बुलेंस से ले जाने को कहा गया लेकिन एम्बुलेंस में पैट्रोल नहीं होने के कारण जब मेरे द्वारा सिविल अस्पताल प्रभारी डॉ. एसएस भगत से पेट्रोल के लिए रूपये मांगा गया तो रूपये देने के लिए घंटों लगा दिए। तब भी रूपये नहीं मिलने पर प्रभारी को बोलने पर पंप से उधारी में पेट्रोल लेने को कहा गया था। लेकिन मेरे द्वारा पेट्रोल भरकर रायगढ़ मरीज लेकर जा रहे थे तब मरीज ने अनिल ढाबा के पास दम तोड़ दिया।
चालक के साथ किया मरपीट
चालक ने बताया कि पेट्रोल भरने की बात पर अस्पताल के कर्मचारियों ने मेरे साथ मारपीट किया है जिसकी शिकायत करने मैं पुलिस थाना धरमजयगढ़ आया था। लेकिन पुलिस प्रभारी से बात किया तो प्रभारी ने पुलिस को बताये कि कम पेट्रोल डालने को लेकर मारपीट हुआ है। अब एम्बुलेंस चालक इसकी शिकायत उच्च अधिकारियों से करने की बात कह रहे हैं। विश्वजीत विश्वास जोहर छत्तीसगढ़-धरमजयगढ़। 27 अक्टूबर 2019 को चल्हा से एक महिला को गंभीर अवस्था में सिविल अस्पताल 112 के मदद से ईलाज के लिए लाया गया था। महिला की हालत इतना गंभीर था। कि डॉक्टर ने मरीज को जिला अस्पताल रिफर किया था। लेकिन जिस एम्बुलेंस से मरीज को जिला अस्पताल ले जाना था उस एम्बुलेंस में पेट्रोल नहीं था जिसके चलते मरीज को घंटों इंतजार करना पड़ा। एम्बुलेंस गाड़ी का चालक पेट्रोल के लिए इधर-उधर घूमता रहा लेकिन जब तक पेट्रोल के लिए रूपये मिला तब तक काफी समय लग गया और जैसे ही मरीज को लेकर रायगढ़ जाने लगा तो मरीज ने धरमजयगढ़ से मात्र 3 किलोमीटर दूर ही जा सके और उसकी मौत हो गई। सूत्र से मिली जानकारी अनुसार मामला चाल्हा की एक महिला को कुत्ता काटा था। कुत्ता के काटने से महिला को रेबीज पूरे शरीर में फैल जाने से महिला पागल की तरह चिल्ला रही थी परिवार वालों ने महिला को 112 की मदद से ईलाज के लिए सिविल अस्पताल लाया था। लेकिन सिविल अस्पताल प्रभारी एसएस भगत की लापरवाही से महिला बिन ईलाज के ही मौत के मुंह समा गये। सिविल अस्पताल के एम्बुलेंस चालक ने बताये कि महिला को 27 अक्टूबर को केजीएस अस्पताल रायगढ़ रिफर किया गया था। और मुझे महिला मरीज को रायगढ़ एम्बुलेंस से ले जाने को कहा गया लेकिन एम्बुलेंस में पैट्रोल नहीं होने के कारण जब मेरे द्वारा सिविल अस्पताल प्रभारी डॉ. एसएस भगत से पेट्रोल के लिए रूपये मांगा गया तो रूपये देने के लिए घंटों लगा दिए। तब भी रूपये नहीं मिलने पर प्रभारी को बोलने पर पंप से उधारी में पेट्रोल लेने को कहा गया था। लेकिन मेरे द्वारा पेट्रोल भरकर रायगढ़ मरीज लेकर जा रहे थे तब मरीज ने अनिल ढाबा के पास दम तोड़ दिया।
चालक के साथ किया मरपीट
चालक ने बताया कि पेट्रोल भरने की बात पर अस्पताल के कर्मचारियों ने मेरे साथ मारपीट किया है जिसकी शिकायत करने मैं पुलिस थाना धरमजयगढ़ आया था। लेकिन पुलिस प्रभारी से बात किया तो प्रभारी ने पुलिस को बताये कि कम पेट्रोल डालने को लेकर मारपीट हुआ है। अब एम्बुलेंस चालक इसकी शिकायत उच्च अधिकारियों से करने की बात कह रहे हैं।