जोहार छत्तीसगढ़ -धरमजयगढ़ ।
सरपंच की जगह अन्य महिला को सचिव द्वारा खड़ा कर जिला पंचायत से चेकर मेकर चिप्स ले लिया और मनमाने तरीके से चेक पर डिजिटल सिग्नेचर कर सचिव द्वारा आठ लाख से अधिक आहरण करने का सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है। यह पूरा मामला धर्मजयगढ़ विकासखंड के सबसे बड़े पंचायत विजयनगर का है।
ग्राम पंचायत विजयनगर के सचिव फागूराम राठिया के निलंबन के पश्चात दादू सिंह ठाकुर सचिव को अतिरिक्त प्रभार देने के बाद से ही यहां सरपंच एवं सचिव में शह और मात का खेल प्रारंभ हो गया था। 14वें वित्त की राशि पर गिद्ध दृष्टि जमाए प्रभारी सचिव प्रभार मिलते ही बिना कोई प्रस्ताव के तालाब गहरीकरण का कार्य करा दिया गया और सरपंच रूपवती राठिया को चेक में दस्तखत करने कहा गया। लेकिन सरपंच ने सूझबूझ से काम लेते हुए दस्तख़त करने से मना कर दिया। बताया जाता है कि तालाब गहरीकरण के नाम से सचिव ने कई पंचों के खेत बनवा दिए। जब सरपंच ने चेक पर दस्तखत नहीं किया तो सभी पंचों को लामबंद कर सरपंच के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया। लेकिन सरपंच की लोकप्रियता के कारण अविश्वास प्रस्ताव ध्वस्त हो गया। इसके बाद 14वें वित्त की राशि को निकालने के लिए सचिव ने अन्य कूटरचना करना प्रारंभ कर दिया और दूसरी महिला को खड़ा कर रायगढ़ जिला पंचायत से चेकर मेंकर चिप्स लेकर उसी महिला के मदद से धर्मजयगढ़ आईसीआईसीआई बैंक से एक ही दिन में सचिव ने 804000 रुपए निकाल लिए। जब सरपंच ने बहीखाता संधारण हेतु बैंक से स्टेटमेंट निकाला तो इस बात का खुलासा हुआ कि सरपंच को बिना जानकारी के रकम निकाल लिया गया और यह जानकर सरपंच के होश फाख्ता हो गए। इस बात की शिकायत सरपंच ने पुलिस थाना कापू, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व धरमजयगढ़ एवं पुलिस अनुविभागीय अधिकारी धर्मजयगढ़ के पास किया गया है। इसकी प्रतिलिपि मुख्य कार्यपालन अधिकारी धरमजयगढ़ एवं करारोपण अधिकारी को दिया गया है। सरपंच द्वारा दिए गए अपने आवेदन में बताया है कि इस संबंध में 14वें वित्त के ऑपरेटर मनोज गवेल से उन्होंने पूछताछ किया तो पता चला कि सरपंच के स्थान पर कोई अन्य महिला को खड़ा किया गया था। मनोज गवेल सरपंच को नहीं पहचानता है। मनोज गवेल ने बताया कि उस महिला को डिजिटल साइन कार्ड को दिया हूं। जबकि सरपंच को आज तक डिजिटल साइन कार्ड नहीं मिला है। सरपंच के लिखित आवेदन पर अधिकारियों ने कठोर कार्यवाही का आश्वासन दिया है ।