जोहार छत्तीसगढ़-धरमजयगढ़ । छत्तीसगढ़ सरकार शिशु मृत्यु दर एवं मातृ दर में कमी लाने के लिए संस्थागत प्रसव को बढ़ावा दे रही है, अधिक से अधिक गर्भवती महिला अपना प्रसव संस्था में कराये इसके लिए शासन की ओर से प्रोत्साहन राशि 14 सौ रूपये भी दिया जाता है ताकि ग्रामीण क्षेत्र की गर्भवती महिलाएं संस्थागत प्रसव कराये। लेकिन विडंबना है कि स्वास्थ्य विभाग में कुछ ऐसी भी महिला कर्मचारी हैं जो प्रसव कराने का फीस लेती है। लक्ष्मीपुर की महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता मीरा सारथी पर ग्रामीणों ने आरोप लगायें हैं कि प्रत्येक प्रसव का 600 रूपये लेती है। लक्ष्मीपुर में दो ग्रामीण महिला दाई का काम करती है जब किसी महिला को प्रसव पीड़ा होती है तो ग्रामीण इन्हीं को बुलाकर प्रसव कराती है ग्रामीणों का कहना है कि लक्ष्मीपुर उप स्वास्थ्य केन्द्र कभी कभार ही खुलता है जिसके कारण गांव की दाई से ही प्रसव कराना पड़ता है। लेकिन गांव की दाई प्रसव कराती है और महिला स्वास्थ्य कर्मी प्र्रत्येक प्रसव का 600 रूपये लेती है। जब ग्रामीणों से पूछा गया कि किस बात का पैसा लेती है नर्स? तो ग्रामीणों ने बताये कि जन्म प्रामण पत्र नर्स ही बनाती है जिसके चलते हम लोगों को प्रत्येक प्रसव के लिए रूपये देना पड़ता है। -media; gyroscope; picture-in
ग्रामीणों की शिकायत पर नहीं होती कार्यवाही
ग्रामीणों ने बताये कि अस्पताल नहीं खुलने के कारण मरीजों को भारी परेशानी होती है छोटी-छोटी बीमारी के लिए धरमजयगढ़ जाना पड़ता है या फिर झोलाछाप डॉक्टर का सहारा लेने पड़ा है। अस्पताल नहीं खुलने की शिकायत कई बार ग्रामीणों द्वारा किया गया लेकिन ग्रामीणों के शिकायत पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कोई कार्यवाही नहीं करते हैं।