उमा यादव, जोहार छत्तीसगढ़ – धरमजयगढ़। छत्तीसगढ़ शासन ने जंगली हाथियों के सुरक्षा के लिए लेमरू हाथी कॉरिडोर घोषित किया गया है। जंगली हाथियों के सुरक्षा के लिए वनमंडल धरमजयगढ़ के अंतर्गत आने वाला ग्राम पोरिया को भी लेमरू हाथी कॉरिडोर में शामिल किया गया है जिसके लिए वन विभाग द्वारा अनापत्ति प्रामण पत्र की मांग किया गया जिसका विरोध करने सैकड़ों कि संख्या में महिला पुरूष तहसील कार्यालय पहुंचे थे। ग्रामीणों ने अपना लिखित आपती दर्ज कराते हुए बताये कि हमारे पास इसके अलावा और कोई भूमि नहीं है। अगर इस भूमि को जंगली हाथी के सुरक्षा के लिए ले लिया जायेगा तो हम लोगों को जीवन जीने के लिए भारी दिक्कत हो होगा। तहसील कार्यालय से 25 सितंबर को जारी ईश्तहार में उल्लेख किया गया है कि प्रस्तावित लेमरू हाथी रिजर्व निर्माण हेतु धरमजयगढ़ वन मंडल के धरमजयगढ़, कापू, बोरो वनपरिक्षेत्र अंतर्गत वन भूमि एवं राजस्व भूमि प्रस्तावित किया गया है प्रस्तावित लेमरू हाथी रिजर्व निर्माण हेतु धरमजयगढ़ अनुविभागीय अंतर्गत प्रभावित होने वाले राजस्व वन भूमि को लेमरू हाथी रिजर्व क्षेत्र में शामिल किये जाने हेतु स्थल जांच उपरांत अनापत्ति प्रमाण प्रदाय करने के संबंध में जांच प्रतिवेदन की मांग की गई है। बोरो परिक्षेत्र अंतर्गत पोरिया गांव के 128 परिवार के कुल जनसंख्या 648 लोग इस परियोजना से प्रभावित होंगे। ग्रामीणों ने प्रेस को बताये कि अगर हाथी कॉरिडोर का निर्माण होता है तो हम लोगों के लिए भारी परेशानी होगा जिसके चलते आज अपना आपत्ति दर्ज करवाने के लिए तहसीलदार के पास आये हैं ताकि हमारे आपत्ति पर विचार करते हुए पोरिया को हाथी रिजर्व एरिया से बाहर करें।