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आदर्श गौठान कोड़ासिया में नहीं मिल रहा मवेशियों को चारा-पानी * गौठान में मवेशियों को आराम करने के लिए नहीं है शेड * भूखे प्यासे पानी में भींगते रहते हैं सैकड़ों मवेशी

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अशोक भगत लैलूंगा। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा चलाया नरवा, गरूवा, घुरूवा अऊ बाड़ी योजना के तहत कोड़ासिया पंचायत में निर्मित आदर्श गौठान को देखने से ऐसा लगता है कि यह गौठान नाम के लिए आदर्श है बाकि कुछ नहीं है। हमारे टीम को जानकारी मिला कि लैलूंगा विकासखण्ड के ग्राम पंचायत कोड़सिया में भूपेश सरकार का आर्दश गौठान संचालित हो रहा है। सूनकर तो अच्छा लगा चलों मवेशियों को अच्छा चारा, पानी व आराम करने का सुविधा मिल रहा होगा। यह सोचकर जोहार छत्तीसगढ़ की टीम कोड़ासिया पंचायत में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा चलाया जा रहा आदर्श गौठान का दौरा किया तो देखने को तो कुछ नहीं मिला बस मिला तो गौठान में एक सुंदर सा गेट में एक फैलेक्सी में मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री और स्थानीय विधायक के साथ लैलूंगा ब्लॉक अध्यक्ष का फोटो लगा हुआ दिखा।

गौठान के अंदर जाने पर हमे गौठान सहायक पोईतराम एवं एक चरवाह मिले उनसे चर्चा करने पर चरवाह ने बताया कि तीन-चार माह से मजदूरी नहीं मिला है जिसके कारण परिवार चलाने में परेशानी हो रहा है। जब चरवाह से पूछा गया कि गौठान में मवेशियों के खाने के लिए कुछ नहीं है तो चरवाह ने जवाब दिया क्या करें साहब मेरे को तो खाने को नहीं मिल रहा है तो मवेशियों के लिए कहां से मिलेगा। आदर्श गौठान कोड़ासिया में मवेशियों के चारे के नाम पर कुछ नहीं है हां गौठान में दो बोर जरूर खोदा गया है जिसमें से एक बोर धस गया है और एक बोर चालू है, मवेशियों को पानी पीने के लिए कुछ टंकिया जरूर बना है लेकिन उस टंकी में कई दिन पूराना पानी भरा हुआ था जिसमें कीड़े पड़ चुके थे। कीड़े पड़ पानी को ही मवेशियों को पिलाया जा रहा है। मवेशी गौठान में शेड नहीं होने के कारण धूप एवं बरसात के दिन होने से पानी में भींगता रहता है इसके अलावा इस गौठान में और कोई सुविधा स्थानीय प्रशासन द्वारा नहीं किया गया है। गौठान सहाप्रभारी ने बताया कि मवेशियों को चराने के लिए चरवाह जंगल की ओर ले जाते है अभी गौठान में चारा का व्यवस्था नहीं किया गया है सिर्फ पानी के अलावा और कुछ नहीं है।
सरकारी रिकार्ड में 1162 मवेशी गौठान में मिले मात्र 100
गौठान में लगे फैलेक्सी में कुल 1162 मवेशी की संख्या बताया गया है लेकिन वस्ताविक में देखा गया कि कोड़ासिया गौठान में लगभग 100 मवेशी ही है जब इस संबंध में पूछ गया तो चरवाह ने बताया कि जंगल में चराते समय 30 मवेशी जंगल की ओर भाग गया है।

हर रोज इतने ही मवेशी गांव से लाते हैं चराने के लिए उसके बाद खाना खाने का समय होता है तो मवेशियों को गौठान में लाते हैं उसके बाद फिर एक बार जंगल की ओर ले जाते हैं। चरवाह के कहे अनुसार 100-150 ही मवेशी है तो फिर 1162 का आकड़ क्या है और अगर गौठान के अनुसार 1162 मवेशी है तो फिर बाकि मवेशी को क्यों गौठान में लाया नहीं जाता है यह सबसे अहम प्रश्न है।
मवेशी चारा को लेकर ग्रामीणों ने किया था बवाल
भ्रष्टाचर का आरोप लगाकर मवेशी मालिकों ने कोड़सिया सरपंच-सचिव पर आरोप लगाया था कि मवेशी को मिलने वाला चारा की राशि को सरपंच सचिव अपने जबे में भर रहे हैं और मवेशी को भूखे मार रहे हैं बोलते हुए खूब बवाल मचाया था। सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार बवाल इतना अधिक हो गया कि मामला पुलिस थाना तक पहुंच गया था। लेकिन किसी तरह ग्रामीणों को समझा बूझाकर मामला को शांत किया गया है। सबसे मजेदार बात है कि कोड़ासिया सरपंच से गौठान बारे में पूछने पर कोई जानकारी नहीं दे पाई। कितने मवेशी है या चारा पानी की व्यवस्था है कि नहीं इसकी कोई जानकारी उनके पास नहीं है सरपंच ने बाताई कि आस सचिव से बात कीजिए वही बता पयेंगे। जब सरपंच से पूछा गया कि मवेशी को चारा नहीं मिल रहा की बात पर ग्रामीणों ने बवाल किया था तो बताई कि हां ग्रामीण हम लोगों पर आरोप लगा रहे हैं कि मवेशियों के देख रेख के लिए मिलने वाली राशि का बंदरबांट कर रहे हैं। जबकि शासन से अभी तक कोई राशि नहीं दिया गया है हम लोग इधर उधर से राशि जुुगाड़ कर गौठान को चला रहे हैं।
क्या कहते हैं गौठान प्रभारी
गौठान प्रभारी पूछने पर कि मवेशियों के लिए आपके द्वारा चारा का व्यवस्था नहीं किया गया तो उन्होंने बताया कि चारा का व्यवस्था अभी नहीं है गर्मी के दिनों मक्का लगाया गया है लेकिन बोर बिगाड़ जाने के कारण पूर मर गया है वर्तमान में एमपी चरी लगाया गया लेकिन अभी चरने के लायक नहीं हुआ है। जब इनसे पूछा गया कि पानी में कीड़े पड़ गये हैं क्या कीड़ेयुक्त पानी पीने से मवेशी बीमार पड़ेंगे कि नहीं तो उन्होंने बताया कि बीमार तो पड़ेंगे लेकिन अभी तक सभी मवेशी स्वास्थ्य हैं। बिजली नहीं होने के कारण पानी की व्यवस्था नहीं हो पा रहा है और गौठान में लगे सोलर प्लेट खराब है नहीं चल रहा है। सचिव ग्राम पंचायत ने बताया कि कोड़ासिया के ग्रामीणों के मन में कुछ गलत फमी हो गया है उसके दूर करने के लिए आज बैठक रखा गया है।

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