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डॉ. अब भी नहीं सुधरे अपनी मोटी कमाई करने से भरी बारिश में घायल बच्चे को निजी क्लिनिक से एक्सरे करा कर लाते परिजन

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जितेन्द्र गुप्ता पत्थलगांव।

रविवार सुबह सुबह 12 वर्षीय बच्चे को उसके घर के पास ही सड़क में रायगढ़ रोड से आ रही तेज रफ्तार स्कार्पियों ने टक्कर मार दिया जिससे अरमान हुसेन दूर जाकर गिर गया आनन-फ ानन में उसके पिताजी और पास पड़ोस के लोगों ने सिविल अस्पताल पत्थलगांव लेके बच्चे को आये जहां पर ड्यूटी डॉक्टर आकास ने ड्रिप चढ़ा कर उसका एक्सरे करने निजी क्लिनिक में भेजा संवेदनहीनता की हद्द तो तब हो गई जब उस बच्चे को बारिस होते अस्पताल के स्ट्रेचर में लिटा कर ऊपर से प्लास्टिक ढंक कर उसे निजी क्लिनिक तक उसके परिजन ले गए परिजन करे तो क्या करे बच्चे की जान का ख्याल था। शो उन्हें जो ठीक लगा उन्होंने वैसा ही किया जबकि अस्पताल में ही एक्सरे की व्यवस्था है अस्पताल में कोई गार्ड नहीं कोई-कोई अटेंडर नहीं जबकि पत्थलगांव सिविल अस्पताल आस-पास के 30 किलोमीटर में सबसे बड़ा अस्पताल है सभी गांव के लोग अपना इलाज करवाने के लिए सिविल अस्पताल पहुंचते हंै पर सिविल अस्पताल में व्यवस्था है कि ठीक होने का नाम ही नहीं ले रही है। डॉक्टर ने अरमान को एक्सरे करवाने भेज कर अपनी ड्यूटी पूरी कर अस्पताल से चले गए जब वापस बच्चे का निजी क्लिनिक से एक्सरे करवा कर परिजन पहुंचे तो अस्पताल में कोई भी डॉक्टर या अटेंडर मौजूद नहीं थे एक समाज सेवी ने इन बातों को देख कर बीएमओ डॉ. मिंज से फ ोन में बात की तब डॉक्टर मिंज ने तत्काल अस्पताल में डॉ. अनिता मिंज को भेज कर उस बच्चे का इलाज करने कहा डॉ. अनिता मिंज ने तुरन्त सिविल अस्पताल पहुंचकर उस घायल बच्चे को देखा और बच्चे का पैर टूटना बता कर इलाज चालू किया। अभी हाल ही में ड्यूटी के दौरान ही सिविल अस्पताल में पदस्थ डॉक्टर सन्तोष पटेल ने एक टीबी की गरीब मरीज मेहतरिन बाई को निजी लैब भेज कर खून जांच करने कहा था जबकी अस्पताल में ही खून जांच की सुविधा उपलब्ध है पर डॉक्टर ने अपनी कमाई के लिए मरीज को निजी लैब भेज दिया था। जिस पर उक्त निजी लैब के द्वारा दिये गए गलत जांच रिपोर्ट पर आनन-फ ानन में मरीज की जान बचाई जा सकी थी एवं जिला प्रशासन ने निजी लैब का जांच करने एक टीम भेजी थी जिसमे आई टीम ने छतीसगढ़ नर्सिंग होम एक्ट के तहत लाइसेंस एवं जरूरी कागजात नहीं मिलने पर जशपुर रोड के निजी लैब को सील कर दिया था पर पत्थलगांव में ऐसे ही और निजी लैब है उन्हें भी जांच के दायरे में लाने की जरूरत जिससे ये पता लगाया जा सके कि बाकी लैब वैध है या बगैर लाइसेंस के ही लैब चला कर मरीजों के जीवन से खिलवाड़ कर रहे हैं। इन बातों पे पत्थलगांव सिविल अस्पताल के बीएमओ डॉ मिंज से पूछने पर उन्होंने भी माना कि ड्यूटी डॉक्टर को एक्सरे के लिए निजी क्लिनिक भेजने में जल्दबाजी किया है बारिस हो रही थी तो कुछ देर इंतजार करना था एवं अपने अधिकारी से सम्पर्क कर स्थिति से अवगत कराना चाहिए था। इन बातों पर डॉक्टरों एवं कर्मचारियों से बैठक कर उन्हें एसे मामलों में सावधानी बरतते हुए मरीजों के हितों का ध्यान रखने की सलाह दी जाएगी।

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