अशोक भगत-लैलूंगा। रायगढ़ जिले के लैलूंगा नगर पंचायत क्षेत्र में बेजा कब्जाधारियों ने बेधड़क शासकीय भूमि पर बेजा कब्जाकर आलीशान महल बनाने का सिलसिला जारी है। बीच-बीच में समाचार पत्रों में सुर्खियां बना रहता है लेकिन इसके बाद भी स्थानीय प्रशासन के कान में जूं नहीं रेंग रहा है। लैलूंगा तहसीलदार द्वारा कई बेजा कब्जाधारियों पर बेदखली का आदेश तो दिया लेकिन आदेश देने के बाद बेदखल करने भूल गये या फिर कहा जाये कि तहसीलदार बेदखल करना ही नहीं चाहते? तहसील न्यायालय द्वारा एक बेदखली आदेश 29 जनवरी 2019 को जारी किया और तहसीलदार ने अपने आदेश में बेजा कब्जाधारी को 3 दिवस के भीतर बेजा कब्जा खाली कर पालन प्रतिवेदन प्रस्तुत करना सुनिश्चित करने को कहा गया लेकिल 3 दिन तो क्या 6 माह से भी अधिक होने के बाद भी बेेजा कब्जाधारी द्वारा अपना बेजा कब्जा खाली नहीं किया गया। लेकिन तहसीलदार द्वारा जानने की कोशिश भी नहीं किया गया कि उनके द्वारा जारी किया गया बेदखली आदेश का पालन हुआ है या नहीं। हम आपको बता दे कि लैलूंगा पटवारी हल्का 12 के खसरा नंबर 270 रकबा 0.825 हेक्टर सड़क मद की शासकीय भूमि पर लैलूंगा निवासी अनिल कुमार मित्तल द्वारा बेजा कब्जाकर बाऊण्ड्रीवाल का निर्माण किया गया जिसकी शिकायत होने पर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व लैलूंगा द्वारा विधिवत प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला चलाया गया। अनुविभागीय अधिकारी राजस्व द्वारा 6 जनवरी को तहसीलदार को निर्देशित किया गया कि उक्त प्रकरण में अनिल कुमार मित्तल द्वारा किया गया बेजा कब्जा को 30 दिवस पर कार्यवाही कर प्रकरण को वापस भेजने को कहा गया था। तहसीलदार लैलूंगा ने अनुविभागीय अधिकारी से प्राप्त प्रकरण पर कार्यवाही करते हुए 29 जनवरी 2019 को एक आदेश जारी कर अनिल कुमार मित्तल को आदेशित किया कि 3 दिवस के भीतर अपना बेजा कब्जा खाली कर पालन प्रतिवेदन दे। लेकिन बेजा कब्जाधारियों ने तहसीलदार के आदेश को कौन सा कचरे के ढेर में डाल दिया यह किसी को नहीं मालूम। और तहसीलदार लैलूंगा ने बेजा कब्जाधारियों पर इतना मेहरबान है कि बेजा कब्जा खाली करना ही भूल गये।
सड़क मद की भूमि पर बेजा कब्जाधारियों का भरमार
तहसीलदार लैलंूगा द्वारा जिस खसरा नम्बर से अनिल कुमार मित्तल को बेदखली करने का आदेश जारी किया गया है उस खसरा नंबर में बेजा कब्जाधारियों का भरमार हैं। यह बात बेजा कब्जाधारी अनिल मित्तल ने न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को लिखित में दिया है कि आनंद मित्तल द्वारा भवन निर्माण कर पीएनबी बैंक को किराया में दिया गया है, नवनीत ने भी गोदाम बनाया है। प्रदीप मित्तल, शरद आसोदिया, अमर दादरीवाल, प्रमोद वैष्णव, संतोष निंगानिंया, लालचंद इन लोगों ने भी उक्त खसरा नंबर पर मकान बनाकर बेजा कब्जा किया गया है।- तहसीलदार लैलूंगा नीतू भगत से उनके मोबाईल नंबर में फोनकर इस संबंध में क्या कार्यवाही किया गया जानने के लिए फोन करने पर तहसीलदार ने फोन रिसिव नहीं किया जिसके कारण प्रकरण में कार्यवाही क्यों नहीं हुआ इनकी जानकारी नहीं मिल सका।