धरमजयगढ़ (जोहार छत्तीसगढ़) :- पूर्व माध्यमिक शाला विजयनगर में पिछले दो साल से एक भी शिक्षक नहीं सौ से अधिक स्कूली बच्चों का भविष्य अंधकार में।रायगढ़ जिले के सुदूर आदिवासी एवं वनांचल क्षेत्र के नाम से मशहूर विकास खण्ड धरमजयगढ़ के ग्राम विजयनगर स्थित पूर्व माध्यमिक शाला में पिछले दो वर्ष से एक भी शिक्षक नहीं हैं। जबकी उस माध्यमिक शाला में स्कूली बच्चों की संख्या एक सौ से भी अधिक हैं। जहाँ पर पढ़ाने वाले एक भी शिक्षक नहीं हैं। ऐसे में आप समझ सकते हैं, कि उस विद्यालय का क्या हाल होगा। जब किसी विद्यालय के एक क्लास रूम से यदी कोई शिक्षक दो मिनट के लिए बाहर जाता है, तो स्कूल मैं पढ़ने वाले बच्चे शोर गुल करना प्रारंभ कर देते हैं, पर यहाँ पर तो पिछले दो सालों से स्कूल में पढाने वाले एक भी शिक्षक नहीं हैं। ऐसी स्थिति में पूर्व माध्यमिक शाला विजयनगर को बच्चों का भविष्य का क्या होगा। हम आपको बता दें कि विजयनगर नगर के मिडिल स्कूल पिछले दो साल से बिना शिक्षक ते भगवान भरोसे चल रही है । वहाँ पर पढ़ने वाले सैकड़ों गरीब आदिवासी बच्चों का भविष्य अंधकार में है। वहीं एक ओर शासन – प्रशासन विकास की खोखले ढोल पीट ने में लगी है, कि शिक्षा ते बेहतर इंतजामात किए गये हैं, जबकी हकीकत कुछ इस कदर है। जहां सौ -सौ बच्चे विद्यालय में पढ़ने आते हैं और शिक्षक एक भी नहीं
- बी. लकड़ा शिक्षक प्रा.शा. विजयनगर*आईये हम आपको लिए चलते हैं रायगढ़ जिले के आदिवासी बाहूल्य इलाका धरमजयगढ़ के कापू के लगे पूर्व माध्यमिक शाला विजय नगर जहां डिजिटल जमाने में भी चरमराई हुई शिक्षा व्यवस्था जो सरकार की पोल खोलती हकीकत के बारे में हमने प्राथमिक शाला विजयनगर को एक शिक्षक से जो की मिडिल स्कूल विजयनगर में एक भी शिक्षक नहीं हैं। को संबंध में क्या कहते हैं।Attachments area