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मुस्लिम समाज का EWS प्रमाण एवं जाति प्रमाण पत्र नहीं बनाए जाने के विरुद्ध मुस्लिम समाज ने जिलाधीश को ज्ञापन सौंपा

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जोहार छत्तहसगढ़-रतनपुर।
बिलासपुर जिले के विभिन्न तहसीलों से ये शिकायतें आ रही है की EWS (Economically Weaker Section) के पात्र लोगों का प्रमाण पत्र विभिन्न तहसीलों में नहीं बनाया जाना साथ ही नियमों का हवाला देकर पिछड़ा वर्ग का प्रमाण पत्र भी मुस्लिम समाज का नहीं बनाया जा रहा है इससे व्यथित हो बिलासपुर मुस्लिम समाज का एक प्रतिनिधिमंडल जिलाधीश से मिलकर ज्ञापन सौंप वस्तु स्थिति से अवगत करा इसे त्वरित सुधारने बात रखी गयी। मा.जिलाधीश ने मुस्लिम समाज के प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया की इस ओर जल्द ही नियमत: कार्यवाही हेतु निर्देशित किया जाएगा। विदित हो कि पात्र मुसलमान समाज का EWS (Economically Weaker Section) ) का सर्टिफिकेट जिसमें शिक्षा और नौकरी के क्षेत्र में पात्र आरक्षित वर्ग हेतु 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान है जिसका सर्टिफिकेट तहसीलदार द्वारा बनाया जाता है जिस हेतु शासकीय गाइड्लायन अनुसार रिहायशी जमीन 1000/ तक हो, 800000/ (आठ लाख)तक सालाना आय तथा 5 एकड़ तक कृषि भूमि वाले व्यक्ति के परिवार का श्वङ्खस् सर्टिफिकेट बनाये जाने का प्रावधान है जिसे बनाने में अधिकारियों द्वारा हील हवाला कर लगातार घुमाया जा रहा है। प्रथम तो मुसलमानों के आरक्षण पर पहले ही काफी कटौती कर दी गयी है अब श्वङ्खस् में भी नियमों का खेल कर के द्वद्बठ्ठशह्म्द्बह्ल 4 को उनके अधिकारों से वंचित करने का षड्यंत्र किया जा रहा है,जो मुस्लिम समाज का व्यक्ति अन्य पिछड़ा वर्ग में पात्र नहीं है उसे सामान्य श्रेणी में रखा जाना व्यवस्था का अंग है जिसे नजरदाज कर मुसलमान पात्र व्यक्तियों का श्वङ्खस् प्रमाण पत्र ना बनाया जाना न्यायसंगत प्रतीत नहीं होता। अभी स्कूल-कॉलेज में प्रवेश का समय है सभी मा- बाप अपने बच्चों को उच्च शिक्षा में अच्छे महाविद्दयालों में प्रवेश कराने श्वङ्खस् प्रमाण पत्र की आवश्यकता है उक्त प्रमाण पत्र से शिक्षा के क्षेत्र में प्रवेश में अभिभावकों को इसका लाभ मिल सकता है लेकिन सर्टिफिकेट बनाने में अधिकारियों की प्रशासनिक दादागिरी से मुस्लिम समाज के पात्र जन व्यथित हैं अत: इस जनहितकारी आवश्यक मुद्दे को जलाधीश के संज्ञान में लाकर अपनी पीड़ा से उन्हें अवगत कराया गया। ग्रामीण क्षेत्र से आए मुस्लिम समाज के प्रतिनिधि यासीन खान (रतनपुर) नूर मोहम्मद (सीपत) ने बताया कि तहसीलदार मुसलमान समाज के लोगों का श्वङ्खस् प्रकरण ही दर्ज नहीं कर रहे हैं और बोलने पर स्पष्ट गाइड्लायन ना होने का हवाला देकर घुमाने का कार्य कर रहे हैं,जबकि शासन का इस ओर स्पष्ट दिशानिर्देश है की आर्थिक कमजोर और अनारक्षित पात्र वर्ग का श्वङ्खस् प्रमाण पत्र बनाया जाए लेकिन ये अधिकारियों की अफसरशाही के चलते हमारी अगली पीढ़ी हमारे बच्चे इस लाभ से वंचित होने मजबूर हैं जो की इनके द्वारा हमारे साथ स्पष्ट दुर्भावना प्रदर्शित करता है। मुस्लिम समाज के प्रतिनिधिमंडल ने कहा की व्यवस्था में अगर सुधार नहीं आया तो जल्द ही इसे हेतु समाज की विस्तारित बैठक कर इस्पर विमर्श कर बड़े आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी और सभी मुसलमान समाज इस अत्यावश्यक मुद्दे पर संगठित हो समाज के वरिष्ठजनों के साथ आंदोलनरत रहने संकल्पित है। आज ज्ञापन सौंपने वाले मुस्लिम समाज के प्रतिनिधिमंडल में प्रमुख रूप से सुश्री शहज़ादी क़ुरैशी(पार्षद),समीर अहमद (बबला),शिबली मेराज खान,शेख निजामुद्दीन(दुलारे),फारुख खान,शेरू असलम,आदिल आलम खेरनी,आसिफ मेमन,इमरान खोखर,अयाज खान,इखलाक खान,मजहर खान,जीशान खान,काशिफ अली,आदिल खान आदि उपस्थित थे।

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