जोहार छत्तीसगढ़-धरमजयगढ़।
बेजा कब्जा करने वालों के लिए धरमजयगढ़ ही एक सुगम स्थाल है, यहां शासकीय भूमि हो या फिर कहे जाये शासकीय संपत्ति पर कब्जा करना सबसे आसान है। आज धरमजयगढ़ का हाल ये है कि यहां शासकीय उपयोग के लिए शासकीय भूमि उपलब्ध नहीं है। जिसके कारण कई शासकीय योजना का लाभ धरमजयगढ़ वासियों को नहीं मिल रहा है। धरमजयगढ़ का पावर ग्रिड कोरबा जिले में संचालित हो रहा है। बिजली समस्या से जुझ रहे धरमजयगढ़ वासियों के लिए भी बेजा कब्जा ही सरदर्द बन रखा है, क्योंकि धमरजयगढ़ में 132 केवी सबस्टेशन के लिए शासकीय भूमि नहीं मिल पाना कितना विडंबना है। शासकीय योजनाओं के लिए शासकीय भूमि का न मिलना इसका एक ही कारण है सिर्फ और सिर्फ अधिकारियों की लापरवाही से हुए बेजा कब्जा, धरमजयगढ़ के अधिकारी-कर्मचारी बेजा कब्जा को देख ऐसे आंख मुंद लेते हैं जैसे इनको कुछ दिखता ही नहीं है। खरसिया रोड बिजली ऑफिस के पास का बेजा कब्जा को देखकर ही आप समझ जायेेंगे की धरमजयगढ़ के अधिकारी कितना जिम्मेदार है? अब हम बात करते हैं धरमजयगढ़ नगर पंचायत के वार्ड क्रमांक 7 का यहां एक शासकीय कुआ को पाट देने के मामले में जनपद पंचायत और नगर पंचायत के अधिकारी ऐसे मौन है कि इनको कुछ मालूम ही नहीं है। जबकि इसकी शिकायत दोनों ही विभाग में किया जा चूका है। वार्ड क्रमांक 7 जनपद पंचायत कॉलोनी में एक शासकीय कुआ जो दुलेश्वरी बेहरा के मकान के सामने था उस कुआ को पूरी तरह रेत डालकर पाट दिया गया है। इसकी शिकायत महल्लेवासियों ने नगर पंचायत में करने के बाद नगर पंचायत अधिकारी अपने कर्मचारियों के साथ मौके में देखने भी गये थे लेकिन देखने के बाद भी आंख में काली पट्टी बांध लेेना, कुछ समझ नहीं आ रहा है आखिर कार्यवाही करने से क्यों बच रहे नगर पंचायत अधिकारी? जनपद पंचायत के कर्मचारियों के लिए बने आवास कॉलोनी में ही शासकीय कुआ था इसलिए जनपद पंचायत अधिकारी का भी जिम्मेदारी बनता है कि अपने संपत्ति की सुरक्षा करें। लेकिन यहां पर देखा जा रहा है कि जनपद पंचायत अधिकारी भी बेजा कब्जा करने वालों पर चुप है जबकि इसकी जानकारी पत्रकारों ने सीईओ धरमजयगढ़ को दिया गया था तब उन्होंने बताया था कि मैं इसकी जांच करवता हूं, लेकिन जांच के नाम पर यहां भी जीरो बटा शन्नाटा ही देखने को मिल रहा है। शासकीय कुआ पर बेजा कब्जा करने के मामले में दोनों विभाग के अधिकारी-कर्मचारी मौन होने से मुहल्लेवासी इन पर सवाल खड़ा कर रहे हैं कि बेजा कब्जाधारी पैसे वाले हैं इसलिए कार्यवाही नहीं हो रहा है, और अधिकारी मौन धारण कर रखे हैं। अब देखना है कि मुहल्लेवासियों का आरोप सही है या फिर अधिकारी कुछ कार्यवाही करते हैं ये तो समय ही बतायेगा।