जोहार छत्तीसगढ़-बिलासपुर।
छत्तीसगढ़ की धरती पर शिक्षा के मंदिर में धर्मांतरण का जहर घुलाया जा रहा है। गुरु घासीदास केन्द्रीय विश्वविद्यालय से एक रूह कंपा देने वाली घटना सामने आई है जिसने हर राष्ट्रभक्त और सनातनी को झंकझोर कर रख दिया है। हृस्स् कैंप के नाम पर हिन्दू छात्रों को योगा के बहाने बुलाया गया। और फिर जबरदस्ती इस्लामी नमाज पढ़वाई गई! क्या यह विश्वविद्यालय है या मजहबी कट्टरता की प्रयोगशाला है। 30 मार्च ईद के दिन चला मजहबी फरमान छात्रों ने बताया कि 30 मार्च को, ईद के दिन, चार मुस्लिम छात्रों को मंच पर नमाज पढऩे के लिए बुलाया गया। उसके बाद कोऑर्डिनेटर और प्रोग्राम ऑफिसर ने बाकी सभी हिन्दू छात्रों को धमकाकर कहा जैसे ये पढ़ते हैं, वैसे तुम भी पढ़ो, विरोध करने वालों को डराया गया, धमकाया गया और मानसिक रूप से कुचला गया। मोबाइल फोन पहले ही जमा करवा लिए गए थे ताकि कोई वीडियो न बना सके क्या यह एक सुनियोजित साजिश नहीं ?
छात्रों की आंखों में भय, प्रशासन की आंखों पर पट्टी
शिकायत करने आए छात्रों ने अपने चेहरे ढक लिए थे उन्होंने बताया हम डरते हैं, कहीं हमें विश्वविद्यालय से निकाल न दिया जाए, हमारे कैरियर को नष्ट न कर दिया जाए। क्या यह आजाद भारत है या कोई मजहबी तानाशाही। छात्रों ने साफ कहा -हमें हमारे धर्म के विरुद्ध मजबूर किया गया। हम हिन्दू हैं, लेकिन हमसे इस्लामी क्रिया करवाई गई। ये धर्मनिरपेक्षता नहीं, धर्मांतरण का दबाव है।
कुलपति मौन,क्या यह मौन सहमति है
विश्वविद्यालय के कुलपति को कई बार कॉल किए गए, लेकिन ना कॉल उठाया, ना कोई जवाब मिला। क्या इतने बड़े मामले पर उनका चुप रहना दर्शाता है कि वो भी इस षड्यंत्र में कहीं ना कहीं शामिल हैं। क्या ऐसे व्यक्ति को विश्वविद्यालय के सर्वोच्च पद पर बने रहने का अधिकार है।
अब सवाल नहीं, सिर्फ कार्रवाई चाहिए
किसने दिया आदेश कि हिन्दू छात्रों को नमाज सिखाई जाए।
* इस मजहबी खेल का मास्टरमाइंड कौन है।
* प्रशासन कब तक आंख मूंदे रहेगा।
मांग
* एनएसएस कोऑर्डिनेटर और प्रोग्राम ऑफिसर को तुरंत गिरफ्तार किया जाए।
* कुलपति को तत्काल बर्खास्त कर सीबीआई जांच की सिफारिश की जाए।
* विश्वविद्यालय में मजहबी गतिविधियों पर तत्काल रोक लगे।
* हिन्दू छात्रों की सुरक्षा और स्वतंत्रता सुनिश्चित की जाए।
हिन्दू संगठनों का तीखा अल्टीमेटम
अब सड़कों पर जंग होगी हिन्दूवादी नेता सौरभ सिंह ने कहा,ये कोई छोटी घटना नहीं है, ये राष्ट्र की आत्मा पर हमला है। अगर आरोपी अफसरों और कुलपति पर तुरंत कार्यवाही नहीं हुई तो हम पूरे छत्तीसगढ़ को बंद कर देंगे। अब ये आंदोलन की जंग होगी और ये धर्म और राष्ट्र की रक्षा का संग्राम बनेगा।