जोहार छत्तीसगढ़-धरमजयगढ़।
धरमजयगढ़ विकास खण्ड में गरीबों को मिलने वाली शासकीय राशन गोलमाल करने की एक नहीं कई शिकायत शासकीय कार्यालय में धूल फाख रहे हैं। गांव की गरीब महिला पुरूष ट्रेक्टर में भर-भर कर एसडीएम एवं खाद्य अधिकारी के आफिस में आ-आ कर थक जाते हैं। लेकिन अधिकारियों के पास शिकायत करने के बाद भी घोटालेबाज राशन दुकानदार पर कोई कार्यवाही नहीं किया जाता है अधिकारी द्वारा रायगढ़ जिले का सबसे बड़ा आदिवासी बहुल्य विकास खण्ड धरमजयगढ़ में दो-दो खाद्य अधिकारी की पदस्थापना किया गया है ताकि शासन द्वारा ग्रामीणों को दिये जाने वाले राशन का सही तरीके से वितरण हो, विडंबना देखिए कि दो-दो खाद्य अधिकारी होने के बाद भी धरमजयगढ़ विकास खण्ड में घपलेबाज राशन दुकानदार खुलकर राशन की अफरा-तफरी कर रहे हैं। और खाद्य अधिकारी हाथ पर हाथ धरे बैंठे हैं। हम आपको बता दे कि धरमजयगढ़ के खाद्य अधिकारी द्वारा राशन माफियाओं पर कार्यवाही नहीं करने से नाराज सत्ता पक्ष के नेताओं द्वारा उनका ताबादला धरमजयगढ़ लैलूंगा करवा दिया था मात्र कुछ ही दिनों में। लेकिन नये खाद्य अधिकारी की पदस्थापना होने के बाद भी धरमजयगढ़ में शासकीय राशन की अफरा-तफरी का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। कई-कई महिनों का राशन ग्रामीणों को नहीं दिया गया है। सीधे-साधे ग्रामीणों से चालबाज राशन दुकानदार पॉश मशीन में अंगूठा लगवा लेते हैं ऐसा बोलकर कि अंगूठा लगाने के बाद ही राशन आयेगा अब ग्रामीणों को क्या मालूम की अंगूठा लगाने से राशन मिलता है राशन आबंटन नहीं होता है। खाद्य अधिकारी द्वारा 18 फरवरी को एक दुकान को निलंबित किया है राशन वितरण में लापरवाही करने के कारण अब सवाल उठता है कि खाद्य अधिकारी के पास कई राशन दुकान की शिकायत होंगे, कलेक्टर कार्यालय से भी शिकायत की जांच कर कार्यवाही करने निर्देशित किया गया था। लेकिन उन राशन दुकानदारों पर खाद्य अधिकारी क्यों मेहरबान है?
खाद्य अधिकारी ने किया एक दुकान को निलंबित
लंबे समय से चल रहे राशन की अफरा-तफरी की जानकारी होने के बाद भी खाद्य अधिकारी द्वारा दुकानदार पर कार्यवाही नहीं करने का नतीजा है कि आज धरमजयगढ़ विकास खण्ड के अधिकत्तर राशन दुकान में राशन वितरण गोलमाल है। 18 फरवरी को जिस तरह एक राशन दुकान की जांच कर दुकान को निलंबित किया गया है उसी तरह ग्रामीणों द्वारा और दुकानदार के खिलाफ राशन नहीं देने की शिकायत किया गया है उस पर भी जांच कर कार्यवाही करना चाहिए ताकि गरीब आदिवासियों को शासन द्वारा दिये जा रहे शासकीय राशन मिल सके।