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रायपुर : राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन : अब खाद्य, पोषण, सेहत और स्वच्छता पर भी जोर

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17 जिलों के 27 विकासखंडों में आजीविका मिशन नए स्वरूप में

प्रभावी क्रियान्वयन के लिए केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय और मैदानी अमले द्वारा तीन दिवसीय कार्यशाला में मंथन

छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन ‘बिहान’ द्वारा अब आजीविका संवर्धन के साथ ही ग्रामीण परिवारों की खाद्य सुरक्षा, पोषण, सेहत, सुरक्षित पेयजल और स्वच्छता पर भी काम किया जाएगा। इससे ग्रामीण परिवारों के पोषण स्तर और सेहत में सुधार के साथ ही उन्हें सुरक्षित पेयजल भी मुहैया हो सकेगा। मिशन द्वारा संचालित रोजगारमूलक गतिविधियों से परिवार की माली हालत सुधरने के साथ ही अब इन नए मोर्चों पर काम करने से स्वस्थ और खुशहाल परिवार का रास्ता भी खुलेगा।

प्रदेश के 17 जिलों के 27 विकासखंडों में आजीविका मिशन को इन पांच नए घटकों को शामिल करते हुए संचालित किया जाएगा। इसके प्रभावी क्रियान्वयन के लिए केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय, यूनिसेफ, राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन और छत्तीसगढ़ शासन के विभिन्न विभागों के मैदानी अमले द्वारा तीन दिवसीय कार्यशाला में मंथन किया जा रहा है। निमोरा स्थित ठाकुर प्यारेलाल पंचायत एवं ग्रामीण विकास संस्थान में 17 जुलाई से शुरू यह कार्यशाला 19 जुलाई को समाप्त होगी।

कार्यशाला में आज नई दिल्ली से आए राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के श्री ध्रुव सेन गुप्ता और सुश्री उषा रानी ने योजना के विभिन्न पहलुओं के बारे में प्रतिभागियों को विस्तार से जानकारी दी। कार्यशाला में भाग लेने नागालैंड और सिक्किम के प्रतिनिधि भी आए हुए हैं।कार्यशाला के अंतिम दिन 19 जुलाई को भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय की संयुक्त सचिव सुश्री नीता केजरीवाल, राज्य शासन के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री आर.पी. मंडल तथा एस.आर.एल.एम. के मिशन संचालक श्री अभिजीत सिंह की मौजूदगी में क्रियान्वयन की रणनीति को अंतिम रूप दिया जाएगा।

वर्तमान में छह जिलों के नौ विकासखंडों में ‘समृद्ध-बिहान’ के रूप में आजीविका संवर्धन के साथ ही खाद्य सुरक्षा, पोषण, सेहत, सुरक्षित पेयजल और स्वच्छता पर काम किया जा रहा है। इनमें बस्तर जिले के बास्तानार और बस्तर विकासखंड, कांकेर जिले के चारामा और नरहरपुर विकासखंड, कोंडागांव जिले का माकड़ी, दंतेवाड़ा जिले का दंतेवाड़ा, नारायणपुर जिले का नारायणपुर विकासखंड तथा राजनांदगांव जिले के डोंगरगांव और राजनांदगांव विकासखंड शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि सर्वप्रथम ‘बिहान’ को विस्तारित रूप में ‘स्वाभिमान’ पायलट परियोजना के तौर पर बस्तर जिले के बस्तर विकासखंड में शुरू किया गया था। इसके बहुत अच्छे परिणाम आए थे और राष्ट्रीय स्तर पर इसकी सराहना हुई थी। बाद में इसे आठ और विकासखंडों में   लागू किया गया था। अब इसे प्रदेश के 17 जिलों के कुल 27 विकासखंडों में विस्तारित करने की योजना है।

खाद्य, पोषण, स्वास्थ्य और स्वच्छता कार्यक्रमों के साथ इन 27 नए

विकासखंडों में पहुंचेगा विस्तारित बिहान

राजनांदगांव जिले का मानपुर विकासखंड, कांकेर का कांकेर विकासखंड, कोंडागांव का फरसगांव, रायपुर जिले का आरंग और तिल्दा, धमतरी जिले का मगरलोड और कुरूद, सरगुजा जिले का अंबिकापुर और लखनपुर, गरियाबंद जिले का छुरा और फिंगेश्वर, बलरामपुर-रामानुजगंज जिले का बलरामपुर, जांजगीर-चांपा जिले का पामगढ़, जशपुर जिले का कांसाबेल, कबीरधाम जिले का पंडरिया, कोरबा जिले का पोड़ी-उपरोड़ा, कोरिया जिले का भरतपुर तथा महासमुंद जिले का बसना विकासखंड।

ये विभाग करेंगे समृद्ध बिहान में मिलकर काम

ग्रामीणों की खाद्य सुरक्षा, पोषण, बेहतर स्वास्थ्य, पेयजल और स्वच्छता सुनिश्चित करने महिला एवं बाल विकास, स्वास्थ्य, स्वच्छ भारत मिशन, पशुधन विकास, कृषि, उद्यानिकी, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग तथा यूनिसेफ मिलकर काम करेंगे।   

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