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जनप्रतिनिधियों के उदासीनता के कारण मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहा, कुमा पंचायत कई आश्रित मोहल्ला …

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जोहार छत्तीसगढ़-धरमजयगढ।
धरमजयगढ़ विकासखंड के ऐसे कई ग्राम पंचायत है, जहां के लोग आज भी पषाण काल में जीवन यापन करने को मजबुर है। जहां पर पंचायत कर्मियों एवं जनप्रतिनिधियों ने आज तक कोई मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं करा पाए हैं। जिसमें पंचायत कर्मियों एवं अन्य जनप्रतिनिधि के कार्यप्रणाली पर लापरवाही बरतने की बू आ रही है। फिलहाल हम बात कर रहे हैं, जनपद पंचायत धरमजयगढ़ के ग्राम पंचायत कुमा का जहां के आश्रित मुहल्ला पटेलपानी, नकनापारा और खुरनूपानी मोहल्ले में आज तक लोग मूलभूत सुविधाओं के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं। शासन प्रशासन द्वारा आज तक ग्राम पंचायत कुमा के आश्रित मुहल्ला पटेलपानी, नकनापारा और खुरनूपानी मेंं किसी भी प्रकार की कोई मूलभूत सुविधा उपलब्ध नहीं करा पाये हैं। मुख्य मार्ग से लभगग 4-5 किलोमीटर की दूरी पर बसा मुहल्ले के लिए कोई सड़क की सुविधा नहीं है, टूटा फूटा सड़क से गुजरना पड़ता है, सड़क के नाम पर पंचायत द्वारा 100-200 मीटर सीसी रोड बनाकर अपना पल्ला झाड़ लिया है। इस संबंध में खुरनूपानी एवं पटेलपानी के निवासियों के बताया कि सबसे बड़ी समस्या बिजली, पानी, और सड़क की है, बाकी तो जैसे बन पड़ रहा है, वैसे जी रहे हैं। लेकिन आज हमारे यहां किसी को गंभीर अवस्था में बीमार या अचानक कोई आपातकालीन स्थिति हो जाती है, तो सड़क की के दुर्दशा के वजह से एम्बुलेंस सेवा उपलब्ध नहीं हो पाती है। मरीज को खाट में ढोकर सड़क तक लेकर जाना पड़ता है, जहां पर 4-5 किलोमीटर दूर है, और कभी कभी सड़क तक ले जाते तक मरीज की मृत्यु तक हो जाता है। आगे उन्होंने बताया कि इसके संबंध में हमने सरपंच-सचिव को अवगत कराते-कराते थक चुके हैं, लेकिन हमारी समस्या की ओर आज तक कोई ध्यान नहीं दिया। वहीं पटेलपानी निवासियों का भी कहना है कि सड़क समस्या है, और सड़क के लिए अगर पंचायत में बात की जाती है, तो रोजगार सहायक सचिव द्वारा आप लोगों के लिए सड़क पास हुआ है, कहते-कहते कई साल बीत चुके, लेकिन न जाने रोजगार सहायक सचिव सड़क निर्माण कब करायेगा या फिर झुठा दिलासा देकर उसके घर को बना रहा है। आगे उन्होंने बताया रोजगार सहायक सचिव विवादों में भी रहा है, कहीं अगर काम करवाता तो मेहताना राशि नहीं मिल पाता है। और वहीं आगे कहा कि सरपंच को तो बोलना ही व्यर्थ है, क्योंकि आज पांच साल बीत गए, लेकिन हमारे गांव के लिए सरपंच द्वारा कोई कदम नहीं उठाया गया।

 

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