जोहार छत्तीसगढ़-धरमजयगढ़।
एक समय धरमजयगढ़ में भारी मात्रा में शासकीय भूमि हुआ करता था लेकिन धीरे-धीरे शासकीय भूमि खत्म होता चला गया और आज धरमजयगढ़ क्षेत्र में शासकीय भूमि की ऐसा स्थिति है कि शासकीय ऑफिस कार्यालय के लिए शासकीय भूमि नहीं मिल रहा है, जिसका नतीजा है कि धरमजयगढ़ में एडीजे कोर्ट के लिए शासकीय भूमि नहीं मिल पा रहा है। विडंबना देखिए अगर कोई पत्रकार शासकीय भूमि की हेरा फेरी की समाचार प्रकाशति करता है तो राजस्व विभाग के कर्मचारी शिकायत लेकर आदिवासी आयोग, आदिवासी थाना, पुलिस थाना पत्रकार के खिलाफ पहुंच जा रहे रिपोर्ट दर्ज करवाने। लेकिन ये कर्मचारी ये नहीं देखते हैं कि धरमजयगढ़ में हर दिन बेजा कब्जा हो रहे हैं, और उसे रोकने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाते हैं चाहे कारण जो भी हो, आप लोगों को बताने की जरूरत नहीं है ये कर्मचारी बेजा कब्जा पर कार्यवाही क्यों नहीं करते आप लोग सब जानते हैं? आज हम फिर एक बार बेजा कब्जा की बात करने जा रहे है, धरमजयगढ़ कॉलोनी में बहुत पूराना खाद्य गोदाम संचालित है जिसमें टीएसएस द्वारा खाद्य रखा जाता है। ठीक खाद्य गोदाम के पास आप चित्र में देख सकते हैं कि एक मकान बना है, उस मकान में कभी गोदाम में काम करने वाले कर्मचारी भटनागर रहा करते थे, उस मकान को एक नीजि व्यक्ति के पास लाखों रूपये में बेच दिया गया है। जबकि मकान शासकीय भूमि में है इसके बाद भी मकान को एक नीजि व्यक्ति द्वारा कब्जा करने का खेल खेला जा रहा है। और राजस्व विभाग के कर्मचारी सब जानते हुए भी अनजान बने हुए हैं। अब देखना है कि समाचार प्रकाशन के बाद राजस्व विभाग के कर्मचारी बेजा कब्जा करने वालों पर कार्यवाही करते हैं या फिर हमारे ऊपर रिपोर्ट दर्ज करवाने पुलिस थाना पहुंचते हैं ये तो समय ही बतायेगा।