जोहार छत्तीसगढ़-कसडोल।
सोशल एक्टिविस्ट तरुण खटकर ने कहा कि धान का कटोरा कहें जानें वाले मुल रुप से कृषि प्रधान राज्य छत्तीसगढ़ अब औद्योगिक रुप से बहुत विकसित है यहां की धरती में कोयला ,लोहा,सीमेंट,स्टील ,एल्यूमिनियम ,युरेनियम , लिथियम, बाक्साइड , स्पंज , आयरन,लाइम स्टोन , हीरा,सोना ,रेत ,चावल,कोसा, साल, सागौन, महुआ, कत्था,हररा,आदि खनिज , कृषि एवं वन संपदा की प्रचुरता है जिस पर यहां उद्योग की भरमार है। यहां विश्व की 5 सबसे बड़ी कोयला खान में 2 कोरबा में है यहां देश को सबसे ज्यादा कोयला राजस्व देने वाली कोल इंडिया कंपनी एसईसीएल है , यहां देश में सबसे ज्यादा राजस्व देने वाला रेल्वे जोन (बिलासपुर) है, यहां देश का सबसे बड़ा भिलाई स्टील प्लांट है , यहां देश का पहला लिथियम खदान कटघोरा कोरबा है यहां (बालकों) एल्यूमीनियम प्लांट एनएमडीसी प्लांट(नयरनार बस्तर) एनटीपीसी (कोरबा), अंबुजा न्युको अल्ट्राटेक लाफार्ज, (बलौदाबाजार) , जिंदल (रायगढ़ )जैसे बड़े-बड़े उद्योग स्थापित है वहां राज्य के युवा बेरोजगार हैं। तरुण खटकर ने कहां इन स्थापित संयंत्रों की चकाचौंध छत्तीसगढ़ का मान जरूर बढ़ा रहीं पर अब तक छत्तीसगढ़ के युवाओं का आत्म सम्मान नहीं बढ़ा पाई। ये वो संयंत्र है जो छत्तीसगढ़ के बेरोजगार युवाओं के लिए दिया तलें अंधेरा साबित हो रहा है। उन्होंने कहा कि जिस राज्य में वर्ष 2023-24 में जी एसटीडी में औद्योगिक क्षेत्र का योगदान 53.50 प्रतिशत है कृषि क्षेत्र में योगदान 15.32 प्रतिशत है, सेवा क्षेत्र में योगदान 31.19 प्रतिशत है । विधानसभा के आंकड़े अनुसार जिस राज्य में प्रति व्यक्ति की आय 1 लाख 47 हजार 361 रुपए की है । जिस राज्य के सरकार की वार्षिक आय 1 लाख 25 हजार 900 करोड़ की है । ऐसे राज्य में उद्योगो और सरकार के अर्थव्यवस्था की चमकती तस्वीर के बीच 16 लाख 82 हजार से ज्यादा युवा बेरोजगार है अगर बेरोजगारी के आंकड़े में युवाओं की हिस्सेदारी चिंताजनक स्तर पर दिखाई देने लगे तो सरकार और विपक्ष को सोचने की जरूरत है। अगर युवा समाज की रीढ़ है, देश के भविष्य हैं, राष्ट्र के कर्णधार हैं हैं तो युवा बेरोजगार क्यों है।उन्होंने बताया कि राज्य में कुल पंजीकृत बेरोजगारों की कुल संख्या 16 लाख 82 हजार 47 है । वर्तमान आकंडे अनुसार रायपुर में 91053, बिलासपुर में 108500, बलौदा बाजार में 81332,दुर्ग में 118557, कोरबा में 61790,रायगड में 74327, जांजगीर-चांपा में 104515,बलौद में 100640, राजनांदगांव में 106512, बलरामपुर में 39351,बस्तर में 51877, बेमेतरा में 52036, बीजापुर में 16001, दंतेवाड़ा में 15535, धमतरी में 73783 गरियाबंद में 43394, गौरेला पेंड्रा मरावाही में 16036, जशपुर में 59712, कबीरधाम में 51969, कांकेर में 69446,खैरागढ़ में 3328, कोंडागांव में 50515 कोरिया में 35625, महासमुंद में 62079, महेन्द्रगढ़ में 3381,मोहल्लामानपूर में 2453, मुंगेली में 48593, नारायणपुर में 12529 , शक्ति में 9407 सारंगढ़ बिलाईगड में 7853, सुकमा में 12543, सूरजपुर में 45550, सरगुजा में 52325 है। ये वो आकंडे है जो सरकार के पास रोजगार कार्यालयों में दर्ज है जिन्हें सरकार ने मानसून सत्र के दौरान विधानसभा के पटल पर रखा उन आंकड़ों का हिसाब नहीं जो कभी दर्ज ही नहीं हुए। खटकर ने अपने गृह जिला सारंगढ़ बिलाईगढ़ में 7 हजार 8 सौ 53 एवं बलौदाबाजार, भाटापारा जिले के बेरोजगार युवाओं के 81 हजार 3 सौ 32 कुल 89 हजार 1 सौ 89 के आंकड़े पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि मुल रुप से कृषि प्रधान जिला बलौदाबाजार 1987 से औद्योगिक रूप से विकसित हो रहा ।आज औद्योगिक जिला के रूप मे अपनी पहचान बना चुके बलौदाबाजार जिला सीमेंट हब के रूप में जाना जाता है। जिला मुख्यालय के आस पास 7 राष्ट्रीय स्तर की अल्ट्रामेगा सीमेंट संयंत्र स्थापित है जिसकी उत्पादन क्षमता लगभग 150 लाख में. टन है उसके बाद भी 81 हजार स्थानीय युवा बेरोजगार हैं। ये वो संयंत्र है जो स्थानीय बेरोजगार युवाओं को रोजगार नही दे सकता। जिसके लिए किसानों ने अपनी जमीनें दी आज वो ठगा सा महसूस कर रहे हैं जिनके बच्चे रोजगार के लिए तरस रहे हैं। इसके लिए आखिर कौन जिम्मेदार है वो किसान जिन्होंने संयंत्रों के लिए अपनी जमीनें दी। वो गरीब व मध्यम वर्गीय माता-पिता जिसने जीवन की सारी पूंजी बच्चों को शिक्षित करने में खर्च कर दी। वो पड़ा लिखा बेरोजगार युवा जो आस लगाए बैठा। या सरकार की वो निती जो आपको रोजगार दिलाना ही नहीं चाहती या हमारे जनप्रतिनिधि जो कभी रोजगार के लिए सदन में आवाज उठाते ही नही। तरुण खटकर ने कहा मैं? सरकार से पुछना चाहता हूं क्यों राज्य के लाखों युवा बेरोजगार हैं? क्यों आप सरकार में युवाओं के रोजगार के लिए फुलप्रूफ प्लान बनाकर रोजगार दिला रहे हैं? क्यों आप युवाओं के मुल समस्या रोजगार से दूर भाग रहे हैं? उन्होंने राज्य विधानसभा , लोकसभा के सत्ता और विपक्ष के सभी सदस्यो से पुछा बेरोजगारी का दंश झेलते युवाओं की पीड़ा कौन सुनेगा क्या आपको बेरोजगारी से पीडि़त लाखों युवाओं के पीड़ा का एहसास नहीं? क्या आप सत्ता से नजर मिलाकर युवाओं को रोजगार दिलानें का हक दिला सकेंगे। तरुण खटकर ने कहा कि अब छत्तीसगढ़ के युवाओं को ही रोजगार लेने की दिशा में सोचना व बढऩा होंगा क्योंकि राज्य के विधानसभा, लोकसभा सदस्यों के लिए लाखों युवाओं की बेरोजगारी कोई जन समस्या नहीं है।