जोहार छत्तीसगढ़ -बलौदाबाजार।
शोध निर्देशक डॉ.राजेश दुबे एवं सह निर्देशक डॉ.मधुलता बारा है, उन्होंने परितोष चक्रवर्ती के गद्य-सहित्य के मूल्यांकन मे हिंदी विषय पर भाषा एवं सहित्य अध्ययन शाला पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर ने पीएचडी की उपाधि प्रदान की है। वे मोतीलाल बंजारे एवं गीता बंजारे की सुपुत्री है ग्राम बलोदी पलारी जिला बलौदाबाजार और राजकुमार कठोलिया की पत्नी है। उनके पिता दण्डकारण्य दैनिक समाचार पत्र में पत्रकार है और माता आंगनबाड़ी कार्यकर्ता है और उनके पति पंचायत सचिव है। वे कन्हारपुरी (खल्लारी) जिला महासमुंद की रहने वाली है। उन्होंने अपनी इंटरमीडिएट की पढ़ाई पंडित लक्ष्मी प्रसाद तिवारी विद्यालय बलौदाबाजार से की है और साथ ही स्नातक की पढ़ाई भी शासकीय मिनिमाता कन्या महाविद्यालय बालौदाबाजार से की है और फिर वे स्नातकोत्तर के लिए पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर से हिंदी साहित्य मे भाषा एवं साहित्य अध्ययन शाला में दाखिला ले के स्नातकोत्तर की पढ़ाई की, तथा एम.फील भी वही से किया है वे अपने सभी कक्षाओं मे प्रथम स्थान प्राप्त कर उत्तीर्ण हुए हैं। उन्होंने वर्ष 2018 से वर्ष 2024 तक कड़ी मेहनत के बाद पीएचडी की उपाधि हासिल की है। अभी वर्तमान मे वे शासकीय राधाबाई कन्या महाविद्यालय भाठागांव, रायपुर में अतिथि व्याख्याता के रूप में कार्य कर रही है। इन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, भाई-रजनीकांत बंजारे चित्रेश बंजारे बहन, चित्रलेखा रेखा झगमलेखा त्रिनलेखा लाकेश राज टंडन छायाकीरण कोसले नायशा बंजारे ग्रीतिश बंजारे नीति कठोलिया शशि बंजारे और गुरू जनों और महाविद्यालय के प्राचार्य एवं फैक्ल्टी गण को दिया है।