कैलाश राजवाड़े
जोहार छत्तीसगढ़-बलरामपुर।
राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे जाने वाले पहाड़ी कोरवा के बच्चों के साक्षर बनाने के लिए भारत सरकार द्वारा देशभर में स्कूल व हॉस्टल बनाकर उनको मुख्य धारा में जोडऩे का प्रयासरत है। और इसके लिए सालाना बजट भी निर्धारित किया गया है। जिन पर कई क्षेत्र के आवासीय विद्यालयों में अधीक्षक व कर्मचारियों द्वारा आवासीय विद्यालयों की उपलब्धियां भी देखे जा सकते हैं। लेकिन छत्तीसगढ़ में बलरामपुर जिले के ग्राम पंचायत भेलवाडीह पहाड़ी कोरवा आवासीय विद्यालय के अधीक्षिका शिल्पा टोप्पो द्वारा सूत्रों की माने तो लगता है अपना आधिपत्य जमाकर सपरिवार भरण पोषण का अड्डा बना रखा है। सूत्रों द्वारा बताया गया कि जब से शिल्पा टोप्पो का पदस्थापना पहाड़ी कोरबा आवासीय विद्यालय भेलवाडीह में हुआ है तब से वह यहां अपना हुकूमत चला रही है। सूत्र बताते हैं कि उक्त विद्यालय में नौकरी में लगे दैनिक वेतनभोगियों को अपने घर ग्राम पंचायत पड़ी में भी कार्य करवाया जाता है। यही नहीं जो पुराने दैनिक वेतन भोगी मजदूरों जिनके द्वारा उक्त विद्यालय में वर्तमान में कार्य नहीं किया जा रहा है। उनके नाम पर भी वेतन निकाल कर उन्हें एक हजार देकर बाकी वेतन के रुपए अपने पास रख लेती है सूत्र द्वारा बताया गया कि वहां कार्य कर रहे दैनिक वेतन भोगी कर्मियों में इतना दहशत व्याप्त है इसलिए वह इनका विरोध नहीं कर पाते हैं ना ही कहीं शिकायत कर पाते हैं। ऐसा कहना इसलिए लाजमी होता है कि उक्त विद्यालय में कार्य कर रहे दैनिक वेतन भोगियों का एकमात्र सहारा उनके द्वारा कार्य करने के एवज में मिली मजदूरी से उनका परिवार का भी भरण पोषण होता है। साथ ही उन्हें कार्य से निकालने का धवंश दिखाये रखा है। जिस कारण मजदूर उनके खिलाफ शिकायत करने से कतराते हैं। सूत्र बताते हैं कि मजदूरों का वेतन भी – 9 महीने में मिलता है वह भी एक दो महीने का वेतन रोक कर दिया जाता है। क्या भेलवाडीह कोरवा आवासीय विद्यालय के अधीक्षिका के ऊपर उच्च अधिकारियों का वधहस्त प्राप्त है। जो डंके के चोंट पर सब परिवार उक्त पहाड़ी कोरवा आवासीय विद्यालय में अपना आधिपत्य जमाकर पोषण करने में लगे हैं। यदि बात सही है तो क्यों नहीं जा रहे हंै उच्च अधिकारियों का उस पर ध्यान,क्या इसलिए भेलवाडीह आवासीय विद्यालय में अपनी हुकूमत चला रही है हॉस्टल अधीक्षिका।
* जब इस विषय को लेकर सहायक आयुक्त से उनका वी विचार जानना चाहा गया तो उन्होंने कहा की शासन से इसके लिए कोई फंड नहीं है अपने पैसे से चला रही है शिल्पा टोप्पो उक्त आवासीय छात्रावास को।
सहायक आयुक्त राकेश सोनी,बलरामपुर