जोहार छत्तीसगढ़-धरमजयगढ़।
छत्तीसगढ़ सरकार प्रदेशवासियों को अच्छा स्वास्थ्य सुविधा मिले इसके लिए लगातार डॉक्टरों की भर्ती कर रहे हंै। ग्राीमण क्षेत्र में भी डॉक्टरों को पदस्थ किया जा रहा है। इसके बाद भी धरमजयगढ़ क्षेत्र में छोलाछाप डॉक्टरों की भरमार देखने को मिल रहा है ऐसा लगता है कि झोलाछाप डॉक्टरों के लिए धरमजयगढ़ विकास खण्ड सुरक्षित स्थान बन गया है यहां किसी को किसी से कोई डर भय नहीं है ये लोग जैसे चाहे वैसे ग्रामीणों को लूट रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्र के जो झोलाछाप डॉक्टर हैं उनके पास किसी प्रकार का कोई डिग्री नहीं है ये लोग किसी डॉक्टर के यहां कुछ माह झााडू पोछा का या फिर पट्टी बंधने का काम करने के बाद तुरंत ये डॉक्टर बनकर ग्रामीण क्षेत्र में ईलाज करने लग जाते हैं। जिसके कारण कई लोगों को असमय मौत का मुंह देखना पड़ रहा है।
धरमजयगढ़ में ही क्यों नहीं होती कार्यवाही?
रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ विकासखण्ड को छोड़कर हर विकासखण्ड से देखने सूनने को मिलता है कि आज इतने झोलाछाप डॉक्टरों के क्लिनिक में छापा मारा गया, इतने झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्यवाही किया गया, लेकिन धरमजयगढ़ के झोलाछाप डॉक्टरों पर कौन मेहरबान है कि इनके खिलाफ कार्यवाही तो क्या जांच तक करने कोई अधिकारी नहीं जाते हैं, जिसके कारण एक-एक गांव मेें कई-कई झोलाछाप डॉक्टर पैदा हो रहे हैं, और इसका खामियाजा ग्रामीण क्षेत्र के गरीब भुगत रहे हैं। मजेदार बात तो ये है कि झोलाछाप का मौज इसलिए भी है कि शासन द्वारा ग्रामीण क्षेत्र में पदस्थ किये गये डॉक्टर कभी अपने अस्पताल ईलाज करने जाते ही नहीं है जिसके कारण ग्रामीण क्षेत्र के जनता झोलाछाप डॉक्टर के भरोसे में अपनी जिंदगी से खिलवाड़ करवा रहे हैं। ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन से मांग की है कि झोलाछाप डॉक्टरों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्र के अस्पतालों में पदस्थ डॉक्टर पर भी जांच कर कार्यवाही करें। ताकि शासन के मंशानुरूप क्षेत्रवासियों को स्वास्थ्य लाभ मिल सकें।