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नए कानून की जानकारी देने कार्यक्रम का मंगल भवन में हुआ आयोजन, विभाग के अधिकारियों ने दी जानकारियां

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जोहार छत्तीसगढ़-धरमजयगढ़।

धरमजयगढ़ के मंगल भवन में आज नए कानून की जानकारी देने के लिए पुलिस प्रशासन द्वारा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में सैकड़ों की संख्या लोग नए कानून के बारे में जानने को लेकर उत्सुक दिखी। आज से पूरे देश भर में तीन नए कानून लागू किया जा रहा हैं। जिसमें सभी धाराओं को बदल दिया गया हैं कानून में कई ऐसे धारा थे। जो अंग्रेज जमाने से चलते आ रहे जिन्हें बदलने की बहुत अवश्यकता थी। उन्ही सभी धाराओं को बदलकर नए धाराओं को जोड़ा गया हैं जिसको जनता तक पहुंचाने के लिए सभी थाना द्वारा कार्यक्रम का आयोजन कर जनता के समक्ष लाया जा रहा।

आज के इस कार्यक्रम में रायगढ़ जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ग्रामीण रामविलास करियारी, धरमजयगढ़ एसडीएम डिगेश पटेल, एसडीओपी सिद्धांत तिवारी, तहसीलदार भोजकुमार डहरिया, नायब तहसीलदार उज्जवल पाण्डेय, थाना प्रभारी कमला पुसाम, डीपीओ मंजु, भाजपा मंडल अध्यक्ष गोकुल यादव, नगर पंचायत अध्यक्ष तरुणा साहू, उपाध्यक्ष टार्जन भारती, टीकाराम पटेल, मंडल महामंत्री शिशुपाल गुप्ता, विजय यादव व अन्य अतिथि मौजूद थे। कार्यक्रम में लोगों को जानकारी दी गई की 51 साल पुराने सीआरपीसी की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता लेगी।

भारतीय दंड संहिता की जगह भारतीय न्याय अधिनियम लेगा और इंडियन एविडेंस एक्ट की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम के प्रावधान लागू होंगे। वही महिलाओं से जुड़े अपराधों में पहले से ज्यादा सजा मिलेगी। इलेक्ट्रॉनिक सूचना से भी एफआईआर दर्ज हो सकेगी। कम्युनिटी सेवा जैसे प्रावधान भी लागू होंगे और नये कानून से मुकदमे जल्दी निपटेंगे। साथ ही आधुनिक तकनीक का भरपूर इस्तेमाल और इलेक्ट्रानिक साक्ष्यों को कानून का हिस्सा बनाने से मुकदमों के जल्दी निपटारे का रास्ता आसान हुआ है। शिकायत सम्मन और गवाही की प्रक्रिया में इलेक्ट्रानिक माध्यमों के इस्तेमाल से न्याय की रफ्तार तेज होगी। अगर कानून में तय समय सीमा को ठीक उसी मंशा से लागू किया गया जैसा कि कानून लाने का उद्देश्य है तो निश्चय ही नये कानून से मुकदमे जल्दी निपटेंगे और तारीख पर तारीख के दिन लद जाएंगे। नये कानून में तय समय सीमा में एफआईआर दर्ज करना और उसे अदालत तक पहुंचाना सुनिश्चित किया गया है। भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता बीएनएसएस, में व्यवस्था है कि शिकायत मिलने पर तीन दिन के अंदर एफआईआर दर्ज करनी होगी। तीन से सात साल की सजा के केस में 14 दिन में प्रारंभिक जांच पूरी करके एफआईआर दर्ज की जाएगी। 24 घंटे में तलाशी रिपोर्ट के बाद उसे न्यायालय के सामने रख दिया जाएगा। कार्यक्रम में ऐसे ही और कई कानूनो की जानकारी दी गई। जिसे कार्यक्रम में आए लोग रूचि लेकर सुनते रहें।

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