जोहार छत्तीसगढ़-बेमेतरा।
जिला अपने कार्यों को लेकर साफ व स्पष्ट नजर आती थी जो अब कुछ भ्रष्ट कर्मचारियों के करण भ्रष्टाचार का गढ़ बनता जा रहा है। ऐसा ही मामला जिला मुख्यालय स्थित मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के टीबी विभाग में कार्यरत एक संविदा लेखपाल का है जिसकी वित्तीय अनियमितता, शासकीय राशि का दुरुपयोग व भ्रष्टाचार करने की शिकायत जिला कलेक्टर रणवीर शर्मा के समक्ष एक आरटीआई एक्टिविस्ट/समाजिक कार्यकर्ता के द्वारा पूरे साक्ष्य प्रस्तुत करते हुए कलेक्टर को आवेदन सौंप कर भ्रष्टाचार करने वाले संविदा कर्मचारी लेखपाल के विरूद्ध ऊचित कानूनी कार्यवाही करने की मांग की है। आगे आवेदन में कहा है कि प्रस्तुत दस्तावेजो के अनुसार विधिवत जांच की जाए तो लेखापाल के द्वारा किए गए भ्रष्टाचार का उजागर होने में समय नहीं लगेगा। आवेदन में स्पष्ट रूप से दर्शाया गया है कि लेखपाल के द्वारा सरकार के नियमों को ताक पर रखते हुए एनटीईपी विभाग के लिए खरीदी की गई आवश्यक सामग्री में शासकीय राशि का दुरुपयोग करते हुए स्वयं के दुकान मुख्यलय से लगभग 50 किमी दूर स्थित जिसका संचालन लेखपाल के पति लिलेश वर्मा ग्राम गुधेली विकासखंड बेरला करते हैं को लाभ पहुंचाने के नियत से विभाग के वित्तीय दिशा निर्देशों को तक पर रखकर अपने ही दुकान का बिल वाउचर लगाकर राशि आहरण कर लिया गया है। शिकायत आवेदन में कुछ नोट शीट दरसाए गए हैं जिनका उपयोग राशि आहरण में किया गया है। जिसमे कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला बेमेतरा के टीबी विभाग के वित्तीय वर्ष 2023 के क्रमश: नोटशीट क्रमांक 280, 17 मार्च 23, नोटशीट क्र. 285 20 मार्च 23, नोटशीट क्र. 282 17 मार्च 23, नोटशीट क्र. 279 16 मार्च 23, नोटशीट क्र. 279, 16 मार्च 23, नोटशीट क्र. 217, 31 जनवरी 23 तथा बिल नं 109, 4 जनवरी 2020 एवं 111 24 फरवरी 2020, शामिल है। सामाजिक कार्यकर्ता व शिकायतकर्ता धनंजय बरमाल का कहना है कि में भ्रष्टाचार के कार्य मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के संज्ञान में रहते हुए हुआ है इस कारण जितना जिम्मेदार भ्रष्टाचार में लेखपाल है उतना ही जिम्मेदार सीएमएचओ जिला चिकित्सालय बेमेतरा भी है। कलेक्टर को सौंपे आवेदन में लेखपाल व सीएमएचओ के खिलाफ उचित कानूनी कार्यवाही करने की मांग करते हुए कहा कि उक्त जानकारी मेरे द्वारा सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के तहत आवेदन प्रस्तुत कर लिया गया है जिसमें इन लोगों के द्वारा शासकीय राशि में अनियमितता व भ्रष्टाचार को उजागर करता है।